मध्यवर्गीय परिवारों के लिए राहत भरी खबर है। यूनियन बजट 2025 में सरकार 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी, जिसमें मिडिल क्लास को राहत देने वाले इस ऐलान की संभावना है।
बढ़ती महंगाई और खाने-पीने की वस्तुओं की ऊंची कीमतों के कारण मिडिल क्लास पर आर्थिक दबाव बढ़ा है। टैक्स में संभावित कटौती से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी और कंजम्पशन को बढ़ावा मिलेगा।
1 फरवरी को हो सकता है ऐलान
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट में टैक्स रियायत की घोषणा कर सकती हैं।
- इस कदम से करोड़ों टैक्सपेयर्स को लाभ मिलेगा।
- खासकर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहने वाले टैक्सपेयर्स को राहत महसूस होगी।
- 10-15 लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवार महंगाई और टैक्स बोझ के चलते संघर्ष कर रहे हैं।
वर्तमान टैक्स व्यवस्था
- पुरानी टैक्स रीजीम:
- 10 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स।
- 80C और 80D डिडक्शन का लाभ मिलता है।
- नई टैक्स रीजीम:
- 15 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% टैक्स स्लैब।
- लेकिन, डिडक्शन का कोई लाभ नहीं मिलता।
कितनी कटौती होगी, अभी तय नहीं
सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि टैक्स में कितनी कमी की जाएगी।
- यूनियन बजट 2025 से पहले इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
- वित्त मंत्रालय ने इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
- टैक्स कटौती से होने वाले संभावित रेवेन्यू लॉस का अनुमान लगाना अभी बाकी है।
टैक्स कटौती की जरूरत क्यों?
- गिरती GDP ग्रोथ:
- वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 5.4% पर आ गई।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए टैक्स राहत जैसे उपाय जरूरी हैं।
- मिडिल क्लास पर दबाव:
- बढ़ती महंगाई ने मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
- टैक्स कटौती से लोगों की जेब में अधिक पैसा बचेगा, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
- इकोनॉमी को सपोर्ट:
- टैक्सपेयर्स की बचत बढ़ने से कंजम्पशन में वृद्धि होगी।
- इससे व्यापार और GDP ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।
इकोनॉमिस्ट्स की सलाह
24 दिसंबर को प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्रियों के बीच एक बैठक हुई।
- इकोनॉमिस्ट्स ने सुझाव दिया कि टैक्स राहत देने से लोगों की खर्च करने की क्षमता में सुधार होगा।
- इसके परिणामस्वरूप कंजम्पशन बढ़ेगा, जो अर्थव्यवस्था को गति देगा।
क्या हो सकता है फायदा?
- 15 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स को अधिक डिस्पोजेबल इनकम मिलेगी।
- मिडिल क्लास के लिए यह कदम महंगाई से राहत देने का कार्य करेगा।
- सरकार के इस निर्णय से देश में कंजम्पशन और ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।