Budget 2025: घर खरीदने वालों को बड़ी राहत, होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ सकती है!

Home Loan 2023

संसद का बजट सत्र 2025 शुरू हो चुका है और 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बार मिडिल क्लास को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर उन लोगों को जो घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है, जिससे घर खरीदना और भी किफायती हो जाएगा।

होम लोन पर डिडक्शन बढ़ाने की मांग तेज

पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी उछाल आया है, लेकिन होम लोन के इंटरेस्ट और प्रिंसिपल पर मिलने वाली टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं हुआ। यही वजह है कि होम लोन पर डिडक्शन बढ़ाने की मांग लगातार हो रही है।

वर्तमान में होम लोन पर दो तरह की टैक्स छूट मिलती है:

  1. सेक्शन 24बी – होम लोन के इंटरेस्ट पर छूट
  2. सेक्शन 80सी – होम लोन के प्रिंसिपल पर छूट

अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार इन दोनों डिडक्शन की लिमिट बढ़ा सकती है, जिससे घर खरीदारों को और राहत मिलेगी।

सेक्शन 24बी के तहत टैक्स डिडक्शन बढ़ने की संभावना

वर्तमान में, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के इंटरेस्ट पर अधिकतम 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। इस लिमिट को बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक करने की चर्चा हो रही है।

फायदा:

  • अगर सरकार इस डिडक्शन को बढ़ाती है तो होम लोन ईएमआई पर टैक्स का बोझ कम होगा।
  • इससे घर खरीदना और भी आसान हो जाएगा।
  • लोगों को रियल एस्टेट में निवेश करने का अधिक अवसर मिलेगा।

Axis Securities के विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को भी तेजी से ग्रोथ करने में मदद करेगा।

सेक्शन 80सी के तहत भी हो सकता है बदलाव

अभी सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है। हालांकि, इस सेक्शन में कई अन्य निवेश विकल्प (PPF, EPF, LIC प्रीमियम, ELSS आदि) भी आते हैं, जिससे होम लोन का डिडक्शन पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाता।

क्या बदलाव हो सकता है?

  • सरकार होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर अलग से 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए एक नई कैटेगरी बना सकती है।
  • इससे होम लोन लेने वालों को टैक्स में और अधिक छूट मिलेगी।
  • रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और घर खरीदने की संख्या बढ़ेगी।

एफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में हो सकता है बदलाव

रियल एस्टेट इंडस्ट्री की लंबे समय से मांग है कि एफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा को बदला जाए। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मेट्रो शहरों में घरों की कीमत की सीमा 35 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर सकती है।

इससे क्या होगा?

  • ज्यादा घर एफोर्डेबल हाउसिंग के दायरे में आ जाएंगे।
  • सरकार की सबसिडी और टैक्स बेनिफिट्स का फायदा ज्यादा लोगों को मिलेगा।
  • बड़े शहरों में मिडिल क्लास लोगों के लिए घर खरीदना आसान हो जाएगा।

रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी मजबूती

रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ से देश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूती से कौन-कौन से सेक्टर लाभान्वित होंगे?

  • स्टील, सीमेंट, पेंट और लाइटिंग इंडस्ट्री की मांग बढ़ेगी।
  • बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर को नए लोन देने के अवसर मिलेंगे।
  • रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे कई लोगों को फायदा होगा।