मोदी सरकार ने आज संसद में तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट पेश किया. इस बजट में सबसे पहले उन्होंने रोजगार और युवाओं के लिए घोषणा की. वित्त मंत्री ने बजट में युवाओं और रोजगार पर फोकस करते हुए बड़ा ऐलान किया. सरकार ने रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन की 3 योजनाओं की भी घोषणा की।
कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों की मदद करेगी. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में तीन बड़ी घोषणाएं की हैं. जिसका उद्देश्य पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि संगठित क्षेत्र में नौकरी करने वालों को पहले महीने का वेतन सरकार देगी. इसके अलावा नौकरी के 4 साल के भीतर सरकार भी EPFO में अपना योगदान देगी. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार कार्यबल में आने वाले 30 लाख युवाओं को एक महीने का पीएफ अंशदान देकर प्रोत्साहित करेगी. ईपीएफओ पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का 15,000 रुपये तक का सीधा लाभ तीन किस्तों में प्रदान करेगा। कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ता का भी सहयोग किया जाएगा.
1. पहली बार ईपीएफओ के तहत पंजीकृत कर्मचारियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से तीन किस्तों में 15000 रुपये तक का 1 महीने का वेतन मिलेगा।
2. रोजगार के चार साल के भीतर ईपीएफओ योगदान के तहत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
3. नियोक्ताओं को समर्थन देने के लिए सरकार ने बजट में कहा कि अतिरिक्त कर्मचारियों को दो साल तक प्रति माह 3,000 रुपये तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
बजट प्राथमिकताएं
इस बार सरकार ने बजट में 9 प्राथमिकताओं पर फोकस किया है. जो इस प्रकार है.
1. कृषि में उत्पादकता और लचीलापन
2. रोजगार और कौशल
3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4. एमएफजी और सेवाएँ सेवाएँ
5. शहरी विकास
6. ऊर्जा सुरक्षा
7. बुनियादी ढाँचा
8. नवाचार, अनुसंधान एवं विकास अनुसंधान और विकास
9. अगली पीढ़ी सुधार (अगली पीढ़ी के सुधार) अगली पीढ़ी के सुधार