कोकराझार (असम), 02 सितंबर (हि.स.)। बोडोलैंड टेरिटोरिल काउंसिल (बीटीसी) प्रमुख प्रमोद बोडो ने आज कोकराझार के तीतागुरी स्थित समाबाई भवन में अत्याधुनिक ‘मोती की खेती में सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए ऑपरेशन रूम’ का उद्घाटन किया।
बीटीआर के सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस ऑपरेशन रूम का उद्देश्य क्षेत्र में उत्पादित मोतियों की गुणवत्ता और उपज को बेहतर बनाने के लिए उन्नत सर्जिकल तकनीकों को प्रदान करना है। इस पहल का नेतृत्व स्व्रांग पियरल प्रोसेसिंग एंड एलाइड कोऑपरेटिव सोसाइटी कर रही है, जो बीटीआर में मोती की खेती में सर्जिकल प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
यह नई सुविधा स्थानीय मोती किसानों को उनके कौशल और संचालन को बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाएगी, जो अंततः बोडोलैंड में आर्थिक विकास को गति देगा।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रमोद बोरो ने बीटीआर में महिलाओं को सशक्त बनाने में बड़े पैमाने पर मोती की खेती की क्षमता को उजागर किया। उन्होंने इस क्षेत्र में महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने के लिए इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। बीटीसी प्रमुख ने सहकारिता विभाग की भूमिका पर संतोष व्यक्त किया और बोडोलैंड के विकास परिदृश्य में महत्वपूर्ण सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से पारदर्शी, कुशल, और परिणामोन्मुखी शासन के प्रति बीटीसी प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया।
कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, बीटीसी प्रमुख ने मोती की खेती की तकनीकों में प्रशिक्षण पूरा करने वाले 16 प्रशिक्षुओं को सर्जिकल विशेषज्ञ प्रमाणपत्रों के वितरण की भी शुरुआत की।
सहकारिता विभाग के परिषद प्रमुख जयंत खेरकटारी, जिन्होंने कार्यक्रम का संचालन किया, ने क्षेत्र में मोती की खेती के लिए भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से बताया। उन्होंने बीटीआर के विकास में सहकारी आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग के माध्यम से स्थायी विकास की संभावना पर जोर दिया।
कोकराझार के एआरसीएस प्रभारी निजाम उद्दीन तालुदार, नाबार्ड के डीडीएम के. पुरकायस्थ और एपेक्स बैंक के शाखा प्रबंधक ने अपने संबोधन में मोती की खेती के संभावित लाभों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में जानकारी साझा की।
उद्घाटन कार्यक्रम में एमसीएलए माधव छेत्री, सहकारिता के लिए बीटीसी संयुक्त सचिव पामी ब्रह्म, असम पियरल डेवलपमेंट कोऑपरेटिव सोसाइटी की अध्यक्ष स्वर्णलता देवी, मोती विशेषज्ञ रुरेन हजारिका, प्रशिक्षु और अन्य मोती की खेती के उत्साही भी उपस्थित थे।