बीएसएनएल घर की छत पर टावर लगाने के लिए 50 हजार रुपए महीना और 35 लाख एडवांस दे रही है?

बीएसएनएल 4जी टावर इंस्टॉलेशन प्रक्रिया: भारत की सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है। एक फर्जी वेबसाइट बीएसएनएल के नाम का इस्तेमाल कर रही है। यह वेबसाइट झूठ बोलकर लोगों को बीएसएनएल टावर लगाने का काम देने का वादा करती है। इसका मकसद लोगों को धोखा देकर उनकी निजी और बैंक डिटेल्स मांगना है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…

बीएसएनएल के नाम पर धोखाधड़ी

इस फर्जी वेबसाइट https://bsnltowerindia.com/page/about-us.html का बीएसएनएल से कोई संबंध नहीं है। बीएसएनएल ने अपने ग्राहकों से सावधान रहने और इस फर्जी वेबसाइट के झांसे में न आने को कहा है। यह वेबसाइट लोगों को टावर लगाने और कई तरह के लाभ देने का लालच दे रही है। यह वेबसाइट 5G टावर लगाने के नाम पर पैसे या निजी जानकारी मांग सकती है।

बीएसएनएल की चेतावनी

बीएसएनएल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोगों को एक फर्जी वेबसाइट के बारे में चेतावनी दी। उन्होंने उस फर्जी वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लोगों को इससे दूर रहने की साफ हिदायत दी। उनका संदेश था: ‘चेतावनी! फर्जी वेबसाइट: https://bsnltowerindia.com/page/about-us.html बीएसएनएल की नहीं है। सावधान रहें, सुरक्षित रहें: फर्जी वेबसाइट के झांसे में न आएं। आगे बढ़ने से पहले दोबारा जांच लें। ताजा अपडेट के लिए कृपया हमारी आधिकारिक वेबसाइट http://bsnl.co.in पर जाएं।’

 

पैकेज भी दिखाए गए

इस फर्जी वेबसाइट पर नीचे प्लान बताए गए हैं। इसमें तीन पैकेज बताए गए हैं। एक ग्रामीण पैकेज, दूसरा अर्ध-शहरी पैकेज और तीसरा शहरी पैकेज। इसमें 25 से 35 लाख रुपये एडवांस और हर महीने 25 से 55 हजार रुपये किराया देने की बात कही गई है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है।

कैसे पहचानें कि यह फर्जी वेबसाइट है या नहीं?

वेबसाइट का पता जांचें: सुनिश्चित करें कि पता “https://” से शुरू होता है और वेबसाइट का नाम सही है। धोखेबाज़ अक्सर असली वेबसाइट के नाम में थोड़ा बदलाव करते हैं।

टाइपिंग की गलतियों की जाँच करें: नकली वेबसाइटों में अक्सर वर्तनी की गलतियाँ या अजीब वेबसाइट नाम होते हैं। वेबसाइट की सामग्री या पते में किसी भी विसंगति पर ध्यान दें।

वेबसाइट गुणवत्ता जांच: खराब डिजाइन, कम रिज़ॉल्यूशन वाली छवियां, गलत संरेखित पाठ या लगातार वर्तनी की गलतियाँ वाली वेबसाइटें आम हैं।

सोशल मीडिया चेक: कंपनियों की सोशल मीडिया पर सक्रिय प्रोफ़ाइल होती है। फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर वेबसाइट की मौजूदगी की जाँच करें।