‘संभल में भाईचारे को गोली मारी, पुलिस ने माहौल बिगाड़ा…’ संसद में अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

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उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. अडानी के ख़िलाफ़ विपक्ष समर्थित हिंसा और अमेरिकी आरोपों पर काफ़ी हंगामा हो रहा है. फिर आज (3 दिसंबर) सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने कहा, ‘संबल हिंसा एक सोची समझी साजिश है. संभल में भाईचारे को गोली मारी गई.’

‘पुलिस जिम्मेदार’
संभल हिंसा को लेकर अखिलेश यादव ने संसद में कहा, ‘इस इलाके में सभी लोग भाईचारे के साथ रह रहे थे लेकिन जामा मस्जिद सर्वे के नाम पर माहौल खराब किया गया. जिस तरह से जामा मस्जिद में खुदाई की चर्चा हो रही है उससे देश का सौहार्द खराब होगा.’

 

अखिलेश का आक्रामक रुख…
अखिलेश ने कहा कि अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है. इस तरह का व्यवहार पहले कभी नहीं देखा गया. कम से कम जिम्मेदार अधिकारियों पर तो कार्रवाई होनी चाहिए। जो लोग जगह-जगह खुदाई (सर्वे) करते हैं, चाहत है वो देश का सौहार्द खो देंगे। यह एक सोची समझी रणनीति है. जिसके तहत बीजेपी हर जगह इस तरह की हरकत कर रही है.

‘सरकार संविधान का सम्मान नहीं करती’

अखिलेश यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा, ‘मौजूदा सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती. याचिका 19 नवंबर को दायर की गई थी, लेकिन दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे आदेश जारी कर दिए गए। अगर एक बार सर्वे हो गया तो दूसरी बार जाने की क्या जरूरत थी.’

पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

संभल हिंसा के मुद्दे पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा, ‘पुलिस ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोका. जब लोगों ने पुलिस से सवाल किया कि ये सर्वे दूसरी बार क्यों कराया जा रहा है तो जवाब देने की बजाय उन पर गोलियां चला दी गईं. संभल में माहौल खराब करने के लिए पुलिस जिम्मेदार है और यह कृत्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’