लंदन: ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे ने ‘ऑर्बिटल’ के लिए बुकर पुरस्कार जीता है। इस वर्ष के लिए चुने गए उपन्यासों में महिलाओं का वर्चस्व था। जिनमें से सामन्था हार्वे की ऑर्बिटल ने सर्वोच्च सम्मान जीता है। यह बुकर पुरस्कार जीतने वाला कक्षीय अंतरिक्ष विषय पर पहला उपन्यास भी बन गया।
लंदन: ब्रिटिश लेखिका सामंथा हार्वे ने ‘ऑर्बिटल’ के लिए बुकर पुरस्कार जीता है। इस वर्ष के लिए चुने गए उपन्यासों में महिलाओं का वर्चस्व था। जिनमें से सामन्था हार्वे की ऑर्बिटल ने सर्वोच्च सम्मान जीता है। यह बुकर पुरस्कार जीतने वाला कक्षीय अंतरिक्ष विषय पर पहला उपन्यास भी बन गया।
पुरस्कार स्वीकार करते समय हार्वे ने उस विचार को साझा किया जो उन्हें किताब लिखते समय आया था। किताब लिखते समय हार्वे ने सोचा, विल्टशायर में एक मेज पर बैठकर अंतरिक्ष के बारे में लिखने वाली महिला की कहानी कौन सुनना चाहेगा? जबकि, कई अंतरिक्ष यात्री वहां जा चुके हैं। हार्वे ने यह पुरस्कार पृथ्वी के लिए बोलने वाले सभी लोगों को समर्पित किया।
मात्र 136 पन्नों की यह किताब यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली दूसरी सबसे छोटी किताब बन गई है। साथ ही, इसमें शामिल सभी घटनाएं 24 घंटे की अवधि के भीतर ही घटित होती हैं। निर्णायक पैनल में ब्रिटिश भारतीय संगीतकार नितिन साहनी, उपन्यासकार सारा कोलिन्स, द गार्जियन अखबार के फिक्शन संपादक जस्टिन जॉर्डन और चीनी अमेरिकी लेखक यियुन लिन शामिल थे।