Breastfeeding Mothers : स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए खास सलाह,इन 7 चीज़ों से दूर रहें, शिशु पर पड़ेगा बुरा असर
- by Archana
- 2025-08-04 14:25:00
News India Live, Digital Desk: Breastfeeding Mothers : स्तनपान कराना शिशु के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और माँ के आहार का सीधा प्रभाव नवजात के स्वास्थ्य पर पड़ता है। माँ द्वारा खाए गए भोजन के पोषक तत्व और कुछ अन्य पदार्थ ब्रेस्टमिल्क के माध्यम से शिशु तक पहुँचते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि स्तनपान कराने वाली माताएं अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखें और कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से परहेज करें जो शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए:
कैफीन युक्त पदार्थ: चाय, कॉफी, चॉकलेट और कुछ शीतल पेय में कैफीन होती है। अत्यधिक कैफीन का सेवन माँ के माध्यम से शिशु तक पहुँच सकता है, जिससे बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है, उसकी नींद का चक्र प्रभावित हो सकता है और उसे बेचैनी महसूस हो सकती है। इसलिए, कैफीन का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
शराब: शराब ब्रेस्टमिल्क में बहुत तेज़ी से पहुँच जाती है और शिशु के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसके सेवन से शिशु में नींद की समस्या, अविकसित विकास और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। माँ को स्तनपान कराने से कम से कम दो घंटे पहले तक शराब से बचना चाहिए।
मछली में पारा (मरकरी): कुछ प्रकार की मछलियों में पारे की मात्रा अधिक होती है, जैसे कि स्वॉर्डफ़िश, शार्क, किंग मैकेरल, और टाइलफ़िश। उच्च पारा शिशु के तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, स्तनपान कराने वाली माताओं को कम पारे वाली मछलियां खानी चाहिए, जैसे सामन, टूना (लाइट), या श्रिंप।
अत्यधिक मसालेदार या वात-कारक (गैस बनाने वाले) खाद्य पदार्थ: कुछ शिशुओं का पेट मसालेदार या कुछ विशेष खाद्य पदार्थों, जैसे ब्रोकोली, गोभी, प्याज, लहसुन, या बीन्स के प्रति संवेदनशील हो सकता है। ऐसे में, ये शिशु के पेट में गैस, ऐंठन या बेचैनी का कारण बन सकते हैं। हालांकि, हर बच्चा अलग होता है, और यदि माँ को लगता है कि किसी विशेष खाद्य पदार्थ से बच्चे को समस्या हो रही है, तो उसे उस पदार्थ का सेवन सीमित कर देना चाहिए।
कृत्रिम मिठास और खाद्य रंग: पैक्ड फूड, कैंडी, और बेकरी उत्पादों में अक्सर कृत्रिम मिठास (artificial sweeteners) और रंगों का उपयोग किया जाता है। इन कृत्रिम तत्वों का शिशु के स्वास्थ्य पर अज्ञात प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए ताज़े और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन ज़्यादा करना चाहिए।
एलर्जी पैदा करने वाले सामान्य खाद्य पदार्थ: कुछ सामान्य एलर्जन्स जैसे मूंगफली, सोया, गेहूं, डेयरी उत्पाद, अंडे आदि शिशु में एलर्जी का कारण बन सकते हैं। यदि शिशु को त्वचा पर लाल चकत्ते, पेट में ऐंठन या दस्त जैसे लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर की सलाह से इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित किया जा सकता है, हालांकि एक सामान्य धारणा के विपरीत, इन सब चीजों से एकदम से परहेज करना हमेशा आवश्यक नहीं होता।
यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी आहार परिवर्तन करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें, ताकि शिशु को आवश्यक पोषण मिल सके और उसका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
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