जनजातियों के संगठन का बहिष्कार, नगालैंड के छह जिलों में नहीं पड़ा एक भी वोट

कोहिमा,19 अप्रैल (हि.स.)। पूर्वी नगालैंड के छह जिलों के जनजातियों के संगठन के बहिष्कार के चलते 20 विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को पहले चरण के मतदान में एक भी वोट नही डाला गया। मतदान केंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा। यहां तक कि इस क्षेत्र के 20 विधायकों ने भी मतदान नहीं किया। नगालैंड के मुख्य चुनाव अधिकारी ने इन संगठन को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, नगालैंड के म्यांमार की सीमा से सटे सभी छह जिलों के जनजातियों के संगठन पूर्वी नागालैंड पीपल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) ने फ्रंटियर नगालैंड नाम से पृथक राज्य की मांग पूरी न होने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। इसके चलते 20 विधानसभा क्षेत्रों के किसी भी मतदान पर एक भी वोट नहीं डाला गया। शुक्रवार दोपहर 1 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ने पर नगालैंड के मुख्य चुनाव अधिकारी ने इन संगठन को नोटिस जारी किया है।

चार लाख से अधिक मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में सात जनजातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले ईएनपीओ की ओर से बहिष्कार का आह्वान किया गया था। यह संगठन सन् 2010 से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। ईएनपीओ क्षेत्र का गठन करने वाले नगालैंड के मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, शामतोर और नोकलाक जिले इसमें शामिल हैं।