बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला- सोसायटी से विवाद होने पर भी मेनटेंस देना अनिवार्य

मुंबई, 21 जून (हि.स.)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सोसायटी से विवाद होने पर भी मेनटेंस (रखरखाव खर्च) देने को अनिवार्य बताया है। इसके बाद कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।

दरअसल, डोंबिवली की शिवविहार सोसायटी में रहने वाले विलास डोंगरे ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका करके कहा था कि सोसायटी के पदाधिकारियों के विवाद की वजह से उन्होंने मेनटेंस अदा नहीं किया, जिससे मेनटेंस की रकम बढ़कर 7 लाख रुपये हो गई। इसकी वसूली के लिए सोसायटी ने कार्रवाई शुरू कर दी और उनके पानी का कनेक्शन काट दिया। डोंगरे ने इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की, लेकिन वहां से न्याय न मिलने पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

इस याचिका की सुनवाई शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस अविनाश घरोटे की एकल पीठ के समक्ष हुई। हाई कोर्ट ने कहा कि यह रखरखाव का धन है, जो इमारत के रखरखाव या मरम्मत के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इस रकम को भरना अनिवार्य है। इस मामले में किसी भी तरह का मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है। डोंगरे के बयान को स्वीकार न करने के मानवाधिकार आयोग के फैसले को सही मानते हुए उच्च न्यायालय ने डोंगरे की याचिका खारिज कर दी।