बॉम्बे हाईकोर्ट ने छेड़खानी के आरोपी पति की याचिका खारिज की, FIR रद्द करने से किया इनकार

The Punjab And Haryana High Cour (1)

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी के साथ छेड़खानी के आरोपी पति की याचिका खारिज करते हुए उसके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया है। पति ने दावा किया था कि उसके वैवाहिक जीवन में कलह के कारण यह शिकायत दर्ज कराई गई है, जबकि पत्नी का आरोप है कि पति ने उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है।

कोर्ट का निर्णय

जस्टिस रविंद्र घुघे और जस्टिस राजेश पाटिल की बेंच ने 7 जनवरी को मामले की सुनवाई की। अदालत ने कहा:

“हमें नहीं लगता कि इस कार्यवाही में एक छोटा ट्रायल चलाकर यह पता लगाया जा सकता है कि FIR में दर्ज बातें पूरी तरह झूठी हैं। इसलिए, FIR को रद्द करने का कोई आधार नहीं है।”
याचिकाकर्ता के खिलाफ मुंबई के कस्तूरबा सब पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी।

पत्नी के आरोप

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्नी ने 26 फरवरी 2024 को दर्ज FIR में निम्नलिखित आरोप लगाए:

  • पति ने बेडरूम में जबरन प्रवेश किया और उसके साथ बहस की।
  • पत्नी ने पति के खिलाफ धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत कार्रवाई की मांग की।
  • अगले दिन, पति ने बिना अनुमति के टॉयलेट का इस्तेमाल किया, जिससे दोनों के बीच बहस हुई।

घटना का विवरण

  • पत्नी ने घटना का वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश की, लेकिन पति ने फोन छीन लिया।
  • महिला का आरोप है कि इस दौरान पति ने उसके स्तन को छुआ, जिससे वह अपमानित महसूस कर रही थी।
  • दोनों के बीच किचन में भी बहस और मारपीट हुई।

पति की याचिका और दलीलें

  • पति ने कोर्ट में दावा किया कि दोनों 10 साल के बेटे के साथ एक ही घर में रहते हैं।
  • वैवाहिक कलह के कारण पत्नी बेडरूम में और वह लिविंग रूम में सोता है।
  • पति ने FIR को प्रेरित बताते हुए कहा कि पत्नी ने झूठी कहानी गढ़कर पुलिस को गुमराह किया है।

न्यायपालिका का रुख

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में FIR को रद्द करना तभी संभव है, जब पूरी तरह से यह साबित हो कि आरोप झूठे हैं।

  • FIR में दर्ज शिकायत को लेकर छोटे ट्रायल के माध्यम से सत्यापन करना संभव नहीं है।
  • कोर्ट ने कहा कि यह मामला सुनवाई के दौरान विस्तृत जांच का विषय है।