बोमन ईरानी: 42 साल की उम्र में एक्टिंग में डेब्यू, अब इस फिल्म से डायरेक्शन में एंट्री

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बोमन ईरानी ने 42 साल की उम्र में बॉलीवुड में कदम रखा और अपने शानदार अभिनय से इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया। मुंबई जैसे सिनेमा हब में जन्म लेना उनके लिए आगे का रास्ता खोलने जैसा था। फिल्म इंडस्ट्री में असली एंट्री फिल्म ‘डरना मना है’ से हुई। इसके बाद उन्होंने मुन्नाभाई’, ‘वेल्डन अब्बा’, ‘3 इडियट्स’, ‘हैप्पी न्यू ईयर’, ‘बीइंग साइरस’, ‘ब्लफमास्टर’, ‘कोसला का घोसला’ जैसी कई फिल्में कीं, उनके निभाए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। . एक्टर के तौर पर लोगों के दिलों पर राज किया, अब वह अपनी कहानी को नया मोड़ देने जा रहे हैं। पहली फिल्म ‘द मेहता बॉयज’ से वह निर्देशन में भी कदम रखने जा रहे हैं।

 

बोमन ईरानी 65 साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म ‘द मेहता बॉयज’ से निर्देशन में कदम रखने जा रहे हैं। बोमन की यात्रा यह साबित करती है कि सफलता के लिए उम्र मायने नहीं रखती, कड़ी मेहनत और जुनून की जरूरत होती है और उनका करियर एक प्रेरणा है। बोमन ईरानी का जन्म मुंबई में हुआ था, हालांकि उनका परिवार ईरानी था। उनके लिए यह एक ऐसा कॉम्बिनेशन था, जिसने उनकी पहचान को और भी खास बना दिया. मुंबई जैसे सिनेमा हब में जन्म लेना उनके लिए आगे का रास्ता खोलने जैसा था।

उन्होंने फोटोग्राफी और थिएटर में अपनी रुचि बरकरार रखी

बोमन ईरानी को अपने करियर की शुरुआत में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। फोटोग्राफी और थिएटर में अपनी रुचि बरकरार रखते हुए उन्होंने धीरे-धीरे अपनी कला को निखारा। यही वजह थी कि वह कैमरे के पीछे और सामने दोनों जगह सक्रिय रहते थे.

बोमन ईरानी की फिल्म इंडस्ट्री में असली एंट्री ‘डरना मना है’ जैसी फिल्म से हुई थी। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रही, लेकिन फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ में बोमन की एक्टिंग ने बोमन ईरानी के करियर की दिशा पूरी तरह से बदल दी। इस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्थाई जगह दिला दी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

करियर की दिशा पूरी तरह बदल दी

बोमन ने ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, ‘वेल्डन अब्बा’, ‘3 इडियट्स’, ‘हैप्पी न्यू ईयर’, ‘बीइंग साइरस’, ‘ब्लफमास्टर’, ‘कोसला का घोसला’ जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। इन फिल्मों में उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

आयु एक संख्या मात्र है

बोमन का अभिनय हमेशा खास होता है क्योंकि वह कभी भी किसी फिल्म के लिए बड़ा और असाधारण रोल नहीं चुनते बल्कि जिस भी किरदार को निभाते हैं उसे अपने बेहतरीन अंदाज में असाधारण बना देते हैं. उनकी यही खासियत उन्हें दूसरे कलाकारों से अलग बनाती है. बोमन ईरानी उन चुनिंदा अभिनेताओं में से एक हैं जिन्होंने अभिनय के बाद निर्देशन में भी कदम रखा है। 65 साल की उम्र में वह ‘द मेहता बॉयज़’ से निर्देशन के क्षेत्र में डेब्यू कर रहे हैं। जो साबित करता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और सीखने और प्रयास करने का कोई अंत नहीं है।

बोमन ईरानी ने अपने निर्देशन की पहली फिल्म में ऐसा कंटेंट चुना है जिस पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं। हाल ही में रणबीर कपूर और बॉबी देओल की फिल्म ‘एनिमल’ भी इसी थीम पर आधारित थी, लेकिन बोमन ने अपनी फिल्म में इस विषय को एक नई दिशा देने का फैसला किया। इससे साबित होता है कि बोमन अपने करियर के नए दौर में भी जोखिम लेने से नहीं डरते हैं और कुछ नया करने की कोशिश करते रहते हैं।