Bollywood News : जब अक्षय कुमार ने दी गुटखा न खाने की नसीहत, तो लोगों ने विमल का ऐड दिखाकर कर दी बोलती बंद
News India Live, Digital Desk: बॉलीवुड के 'खिलाड़ी' अक्षय कुमार इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'जॉली एलएलबी 3' के प्रमोशन में जोर-शोर से लगे हुए हैं। इसी सिलसिले में वह फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के लिए कानपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने फैंस से खूब बातचीत की, लेकिन इसी बीच उन्होंने एक ऐसी नसीहत दे डाली, जो उल्टे उन्हीं पर भारी पड़ गई और लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल करना शुरू कर दिया।
कानपुर में आखिर ऐसा क्या हुआ?
'जॉली एलएलबी 3' के ट्रेलर लॉन्च इवेंट के दौरान माहौल काफी खुशनुमा था। अक्षय कुमार अपने फैंस से बात कर रहे थे। इसी बीच, शायद कानपुर में गुटखा और पान मसाले की खपत को देखते हुए, उन्होंने लोगों से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की अपील की। उन्होंने अपने फैंस से कहा कि उन्हें गुटखा और पान मसाला जैसी हानिकारक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
देखने में तो यह एक बहुत अच्छी सलाह लगती है, लेकिन अक्षय कुमार यह भूल गए कि इंटरनेट की दुनिया में लोगों की याददाश्त बहुत तेज होती है।
लोगों ने क्यों किया ट्रोल?
जैसे ही अक्षय का यह बयान सामने आया, लोगों ने तुरंत उन्हें उनका पुराना 'विमल इलायची' का विज्ञापन याद दिला दिया, जिसमें वह अजय देवगन और शाहरुख खान के साथ "बोलो जुबां केसरी" करते नजर आए थे। भले ही वह इलायची का विज्ञापन था, लेकिन उसे तंबाकू ब्रांड के सरोगेट विज्ञापन के तौर पर देखा जाता है।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अक्षय कुमार को बुरी तरह ट्रोल करना शुरू कर दिया। लोगों ने लिखा:
- "पहले खुद विमल का ऐड करते हो, फिर गुटखा न खाने का ज्ञान देते हो।"
- "पैसे के लिए कुछ भी... और फिर दूसरों को सलाह।"
- "यह पाखंड नहीं तो और क्या है?"
हालांकि यह सच है कि इस विज्ञापन के लिए हुए भारी विरोध के बाद अक्षय कुमार ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और भविष्य में ऐसे किसी भी विज्ञापन का हिस्सा न बनने का वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह विज्ञापन से मिली फीस को किसी अच्छे काम के लिए दान कर देंगे। लेकिन, जब उन्होंने कानपुर में गुटखा न खाने की सलाह दी, तो लोगों ने उनकी पुरानी गलती को फिर से उजागर कर दिया।
इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या फिल्मी सितारों को ऐसे उत्पादों का विज्ञापन करना चाहिए जो समाज के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासकर तब, जब वे सार्वजनिक मंचों पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह देते हैं।
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