बॉबी पवार ने शिक्षा विभाग पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, अधिकारियों को दी चेतावनी

देहरादून, 02 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष और टिहरी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रहे बॉबी पंवार ने शिक्षा विभाग एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। बॉबी पंवार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और हाई कोर्ट में उनकी जनहित याचिका के बाद हाई कोर्ट द्वारा शिक्षा निदेशक पर लगी फटकार का भी उल्लेख किया।

उत्तराखंड प्रेस क्लब में मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान बॉबी पंवार ने कहा कि महावीर बिष्ट पर अपर निदेशक रहते हुए भ्रष्ट्राचार के 3-4 आरोप सिद्ध होने के बाद तथा शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को अवगत कराने के बाद भी उन्हें माध्यमिक शिक्षा का निदेशक बनाकर प्रोन्नत किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के कुछ आलाधिकारी वसूली एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। बीआरपी एवं सीआरपी के 955 पदों को भरने के लिए एक बाहरी कंपनी अलंकित लिमिटेड को बुलाकर यहां के पढ़े-लिखे युवाओं के भविष्य को बेचा जा रहा है।

पंवार ने कहा कि शिक्षा विभाग ने बीआरपी एवं सीआरपी के 955 पदों को भरने के लिए जिस बाहरी कंपनी अलंकित लिमिटेड का चयन किया है वह मानक भी पूरे नहीं करती जबकि उत्तराखंड की एक अन्य स्थानीय कंपनी जो मानक पूरे करती है उसे बाहर किया गया। जब इस मामले को हाई कोर्ट में ले जाया गया तो हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी चयन को गलत करार दिया। इसके बावजूद शिक्षा विभाग, विभागीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री की सह पर बाहरी कंपनियों से करोड़ों की वसूली कर गैर मानक पूर्ण कंपनी को ही शिक्षा विभाग में बीआरपी एवं सीआरपी के 955 पदों को भरने की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।

बॉबी पंवार ने कहा कि जो कंपनी स्वयं मानक पूरे नहीं कर रही है वह पढ़े-लिखे युवाओं से कई तरह के प्रमाण-पत्र मांग रही है। इसके अतिरिक्त जो कंपनी स्वयं भ्रष्टाचार में संलिप्त है उससे एक पारदर्शी तरीके से युवाओं के चयन की उम्मीद कदापि नहीं की जा सकती है। उन्होंने प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारियों को सुधर जाने की भी नसीहत दी और कहा कि यदि भ्रष्ट अधिकारी अपने पुराने ढर्रे पर ही चलते रहे तो अभी तक जो लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जा रही थी उसमें परिवर्तन करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाएगा।

बॉबी पंवार ने आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होने वाली नियुक्तियों का विरोध किया और कहा कि यदि कामचलाऊ व्यवस्था के तहत मजबूरन नियुक्तियां की जा रही हैं तो ऐसी व्यवस्था को पूर्णतः पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।

इस दौरान उत्तराखंड बेरोजगार संघ के उपाध्यक्ष राम कंडवाल, सह संयोजक सुशील कैंतूरा, संरक्षक यशपाल रावत, जसपाल चौहान आदि थे।