इस साल 13 और 14 मार्च की रात अमेरिका में एक दुर्लभ और बेहद खूबसूरत खगोलीय घटना घटने वाली है। इस रात ब्लड रेड मून और पूर्ण चंद्रग्रहण का अद्भुत संयोग बनेगा, जिसे देखना किसी सपने से कम नहीं होगा। जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में होंगे, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ेगी, जिससे वह गहरे लाल रंग का दिखाई देगा। यह दृश्य अमेरिका के 48 राज्यों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा और खगोलशास्त्र प्रेमियों के लिए यह एक खास अवसर होगा।
हालांकि, इस खगोलीय घटना का भारत में कोई प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि जब यह घटना घटेगी, तब भारत में दिन होगा। फिर भी, यह घटना वैज्ञानिक और खगोलीय अध्ययन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ब्लड रेड मून और पूर्ण चंद्रग्रहण क्या होता है?
ब्लड रेड मून और पूर्ण चंद्रग्रहण दो अलग-अलग घटनाएं हैं, लेकिन जब वे एक साथ होती हैं, तो आसमान में एक अद्भुत दृश्य बनता है।
-
पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse):
- जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढक लेती है।
- इस दौरान चंद्रमा का सीधा प्रकाश बाधित हो जाता है और वह पूरी तरह से अंधेरे में चला जाता है।
-
ब्लड रेड मून (Blood Red Moon):
- पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, सूर्य की रोशनी जब पृथ्वी के वातावरण से गुजरती है, तो नीली और हरी रोशनी बिखर जाती है और केवल लाल रंग की रोशनी ही चंद्रमा तक पहुंचती है।
- यही कारण है कि चंद्रमा हमें गहरे लाल रंग का दिखाई देता है, जिसे “ब्लड मून” कहा जाता है।
कहां और कब दिखेगा यह अद्भुत नजारा?
यह अद्भुत खगोलीय घटना अमेरिका के 48 राज्यों में देखी जा सकेगी। खगोलशास्त्रियों के अनुसार, यह नजारा खासतौर पर नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, कुछ यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
समय और तिथि:
- चंद्रग्रहण शुरू होने का समय: 13 मार्च की रात
- ब्लड मून का पीक समय: 14 मार्च को आधी रात के आसपास
- समाप्त होने का समय: 14 मार्च की सुबह
इस दौरान, चंद्रमा गहरे लाल रंग का दिखाई देगा, और बिना किसी विशेष उपकरण के इसे देखा जा सकता है।
क्या भारत में दिखेगा यह चंद्रग्रहण?
नहीं, भारत में यह चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा क्योंकि जब यह घटना घटेगी, तब भारत में दिन का समय होगा।
- भारत में धार्मिक दृष्टिकोण से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
- इस दिन होली और होलिका दहन जैसे बड़े त्योहार मनाए जाएंगे, लेकिन ग्रहण के कारण इन पर किसी प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
क्या चंद्रग्रहण देखना सुरक्षित है?
हां, पूर्ण चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित है।
- सूर्यग्रहण की तरह इसे देखने के लिए किसी विशेष चश्मे की आवश्यकता नहीं होती।
- यदि आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को और अच्छे से देखना चाहते हैं, तो टेलीस्कोप या बाइनोक्युलर का उपयोग कर सकते हैं।
- फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए भी यह एक शानदार अवसर होगा।
होलिका दहन पर भद्रा का प्रभाव
13 मार्च को होली का पहला दिन (होलिका दहन) मनाया जाएगा, और इसी दिन भद्रा का साया रहेगा। हालांकि, ग्रहण का इस पर कोई असर नहीं होगा।
भद्रा काल और शुभ मुहूर्त:
- भद्रा काल: 24 मार्च को सुबह 09:54 बजे से रात 11:13 बजे तक रहेगा।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: रात 11:14 बजे से लेकर 12:20 बजे तक रहेगा।
इसलिए, होलिका दहन का आयोजन सही समय पर किया जा सकता है और यह पूरी तरह से शुभ रहेगा।