काले तिल: काले तिल एक प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर है, अगर आप इस तरह के लड्डू बनाकर खाएंगे तो आपको स्वाद के साथ-साथ अच्छी सेहत भी मिलेगी

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काले तिल: बरसात के मौसम में उमस और ठंड के कारण कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इस समय बीमारियों से बचना एक चुनौती साबित होता है। इस मौसम में पहाड़ी इलाकों में खास तौर पर काले तिल के लड्डू खाए जाते हैं। यह देसी नुस्खा सेहत सुधारने में कारगर साबित होता है। काले तिल के लड्डू एक पारंपरिक मिठाई है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ मानसून में शरीर के लिए भी फायदेमंद साबित होती है। 

काले तिल आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये हड्डियों को मज़बूत बनाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। काले तिल के तेल में मौजूद प्राकृतिक तेल त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और बारिश से होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। 

आयुर्वेद में काले तिल को गर्म तासीर वाला माना जाता है। काले तिल शरीर में गर्मी बनाए रखते हैं। वाणी संबंधी समस्याओं में काले तिल लाभकारी होते हैं। यह लड्डू बच्चों, बड़ों और महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है। 

काले तिल के लड्डू कैसे बनाएं

काले तिल के लड्डू बनाने के लिए आपको 1 कप काले तिल, 1 कप कुटा हुआ गुड़ और 2 छोटे चम्मच देसी घी की ज़रूरत होगी। सबसे पहले काले तिल को धीमी आँच पर भूनकर ठंडा कर लें। जब तिल ठंडे हो जाएँ, तो उन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में पीस लें। अब एक पैन में 3 छोटे चम्मच पानी लें, उसमें गुड़ डालें और गुड़ को पकाएँ। गुड़ के पिघलने के बाद, उसमें घी डालें। गुड़ के पकने के बाद, उसमें कुटे हुए तिल डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। इस मिश्रण से छोटे-छोटे लड्डू बना लें। 

आप इन लड्डुओं को एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख सकते हैं। मानसून में सुबह एक लड्डू और शाम को एक लड्डू ज़रूर खाएँ। ये लड्डू खाने से शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी। 

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