दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी, मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन जारी

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दिल्ली में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भगवा लहराया है। इस चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) से 13 साल बाद उसी का गढ़ छीन लिया। भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली, जबकि AAP सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई।

हालांकि, इस बड़ी जीत के बावजूद भाजपा संतुष्ट नहीं दिख रही और अब हारी हुई 22 सीटों पर मंथन करने जा रही है।

भाजपा करेगी हार के कारणों की समीक्षा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा आज उन 22 सीटों पर समीक्षा बैठक करेगी जहां वह हार गई।

  • भाजपा इन सीटों पर हार के कारणों का विश्लेषण करेगी।
  • साथ ही, पार्टी इन सीटों पर भविष्य में जीत की रणनीति भी बनाएगी।

इसके अलावा, भाजपा 40 से अधिक विशेष समितियों के प्रतिनिधियों के साथ एक मैराथन बैठक बुलाने जा रही है।

  • इनमें से प्रत्येक को विधानसभा चुनावों के लिए विशिष्ट जिम्मेदारियां दी गई हैं।
  • बैठक का प्राथमिक एजेंडा चुनाव परिणामों का विश्लेषण और 22 हारी हुई सीटों पर हार के कारणों का आकलन करना होगा।

दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी, मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन जारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम पर अब तक सस्पेंस

दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए अभी तक कोई नाम तय नहीं किया गया है।

  • माना जा रहा है कि रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में इस पर फैसला होगा।
  • इस बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

वे 22 सीटें जहां भाजपा हारी और AAP जीती

  1. बुराड़ी
  2. किराड़ी
  3. सुल्तानपुर माजरा
  4. सदर बाजार
  5. चांदनी चौक
  6. मटिया महल
  7. बल्लीमारान
  8. करोल बाग
  9. पटेल नगर
  10. तिलक नगर
  11. दिल्ली कैंट
  12. देओली
  13. अंबेडकर नगर
  14. कालकाजी
  15. तुगलकाबाद
  16. बदरपुर
  17. ओखला
  18. कोंडली
  19. सीमापुरी
  20. बाबरपुर
  21. गोकुलपुर

चुनाव परिणामों का विश्लेषण

8 फरवरी को घोषित नतीजों के अनुसार:

  • भाजपा ने 48 सीटों पर औसतन 14,725 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
  • AAP ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन उनका औसत जीत का अंतर 17,054 वोटों का रहा।

इस जीत के साथ भाजपा ने दिल्ली में 27 साल का वनवास खत्म कर दिया और आम आदमी पार्टी से बेहतर चुनावी प्रदर्शन किया।

सबसे बड़ा झटका AAP को अपने दिग्गज नेताओं की हार से लगा।

  • अरविंद केजरीवाल,
  • मनीष सिसोदिया,
  • सौरभ भारद्वाज,
  • सत्येंद्र जैन

इन सभी शीर्ष नेताओं को भाजपा के प्रत्याशियों ने शिकस्त दी।

क्या होगा आगे?

भाजपा अब अपनी सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री के चयन और मंत्रिमंडल के गठन पर फोकस करेगी।

  • साथ ही, पार्टी हार के कारणों को समझकर भविष्य की रणनीति तैयार करेगी।
  • भाजपा की इस जीत ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है, अब देखना होगा कि भाजपा राजधानी में अपनी सरकार को कैसे आगे बढ़ाती है।