उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच रिश्तों में खटास दिखाई दे रही है। योगी सरकार में सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी आशीष पटेल का समर्थन करते हुए भाजपा को चेतावनी दी है।
आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप और विवाद
आशीष पटेल, जो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, सूचना विभाग और यूपी पुलिस की एसटीएफ पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हमला बोल रहे हैं। उनके अनुसार, कुछ अधिकारी उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मुद्दे पर निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने खुलकर उनका समर्थन किया है।
संजय निषाद की चेतावनी: “भाजपा नहीं चेती तो भुगतेगी”
संजय निषाद ने शुक्रवार को आजमगढ़ में मीडिया से बात करते हुए भाजपा को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा:
- अधिकारी छवि खराब कर रहे हैं: कुछ अधिकारी मंत्री और सहयोगी दलों को परेशान कर रहे हैं।
- भाजपा पर आरोप: भाजपा न तो सीट दे रही है और न ही सिंबल। इसी कारण लोकसभा चुनाव में हार हुई।
- 2027 चुनाव की चेतावनी: अगर भाजपा ने अपनी नीति नहीं बदली, तो इसका असर 2027 के चुनाव में देखने को मिलेगा।
संत कबीरनगर में हार का मुद्दा और भाजपा पर आरोप
संजय निषाद ने संत कबीरनगर जनपद में हुए चुनावी नुकसान का जिक्र करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि:
- प्रवीण निषाद की हार में भाजपाइयों का हाथ था।
- निषाद पार्टी ने हमेशा मजबूती से अपने गठबंधन का समर्थन किया, चाहे वह भाजपा हो या कोई अन्य दल।
- जब समाजवादी पार्टी ने हमें नकार दिया, तब हमने भाजपा का साथ चुना, लेकिन अब भाजपा के अंदर सबकुछ सही नहीं चल रहा है।
संवैधानिक अधिकार रथयात्रा और सामाजिक संघर्ष का मुद्दा
संजय निषाद ‘संवैधानिक अधिकार रथयात्रा’ के सिलसिले में आजमगढ़ आए थे। उन्होंने जातीय और धार्मिक संघर्ष को लेकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों पर कटाक्ष किया:
- जातीय और धार्मिक संघर्ष: कुछ राजनीतिक दल केवल जातीय और धार्मिक संघर्ष भड़काकर अपना अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं।
- अधिकारों की मांग: निषाद पार्टी अपने संवैधानिक अधिकारों की मांग को लेकर जनता के बीच सक्रिय है।
योगी आदित्यनाथ की तारीफ, लेकिन अधिकारियों पर सवाल
संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि वह अच्छे नेता हैं और पार्टी के मार्गदर्शक हैं। लेकिन उन्होंने कुछ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए:
- वोटरों को नाराज कर रहे हैं अधिकारी: कुछ अधिकारी ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे जनता और वोटर भाजपा से नाराज हो रहे हैं।
- सरकार की छवि खराब हो रही है: इन अधिकारियों की वजह से सरकार की छवि पर असर पड़ रहा है, जो विपक्षी दलों को फायदा पहुंचा सकता है।
भाजपा के सहयोगी दलों में असंतोष: क्या यह संकेत है बदलाव का?
भाजपा के दो प्रमुख सहयोगी दलों—अपना दल (एस) और निषाद पार्टी—के नेताओं की नाराजगी साफ तौर पर यह दिखाती है कि यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो रहे हैं।
- सहयोगी दल सीट बंटवारे और अपनी राजनीतिक स्वायत्तता को लेकर असंतुष्ट हैं।
- 2027 के चुनावों में इस असंतोष का असर भाजपा के प्रदर्शन पर पड़ सकता है।