फारबिसगंज/अररिया, 04जून (हि.स.)। अररिया लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह ने यहां फिर एकबार जीत दर्ज की है. प्रदीप सिंह ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी राजद के शाहनवाज आलम को सीधी टक्कर में मात दी है। प्रदीप सिंह (भाजपा) को 600146 मत मिले जबकि शाहनवाज आलम (राजद) को 580052 वोट मिले। प्रदीप सिंह ने पिछला चुनाव भी जीता था और फिर इस बार चुनाव जीत गए है और फिर एकबार सांसद बन गए है
अररिया बिहार की एक सामान्य लोकसभा सीट है। इस संसदीय क्षेत्र की साक्षरता 53.53 प्रतिशत के करीब है। 2014 के डेटा के मुताबिक यहां 8,43,076 पुरुष और 7,44,212 महिला मतदाता हैं। यहां अनुसूचित जाति की आबादी 13.61% के लगभग है और अनुसूचित जनजाति 1.38% के करीब है। अररिया लोकसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी। इससे पहले यह पूर्णिया का हिस्सा थी। शुरूआती दो चुनावों में कांग्रेस ने अररिया में जीत हासिल की थी। 1977 में इंदिरा विरोधी लहर में यह सीट जनता पार्टी के कब्जे में चली गई। 1980 में कांग्रेस ने फिर वापसी की। फिर सुखदेव पासवान ने यहां लगातार तीन बार जनता दल का झंडा गाड़ा। इसके बाद से अररिया में बीजेपी और आरजेडी के बीच मुकाबला होता रहा है। अररिया लोकसभा सीट 2004 तक एससी आरक्षित रही, परिसीमन के बाद 2009 में यह सामान्य सीट हो गई।
2014 चुनाव में इस सीट पर BJP को हराकर यूपीए के प्रत्याशी मोहम्मद तस्लीमुद्दीन विजयी रहे थे। कुल मतों 9,75,811 में से 4,07,978 मत हासिल कर राजद ने जीत दर्ज की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 61.4 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। वही, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह ने राजद के सरफराज आलम को 1.37 लाख वोटों से हराया था। इस बार 2024 में मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार प्रदीप सिंह का मुकाबला राजद के शाहनवाज आलम से था।
अररिया लोकसभा सीट सीमांचल क्षेत्र में आती है। इस लोकसभा की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। हालांकि, चुनाव में सिर्फ मुस्लिम फैक्टर काम नहीं करता है। यादव और अन्य पिछड़ी जातियां भी किसी पार्टी की जीत और हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अररिया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें आती हैं। जिसमें नरपतगंज, रानीगंज (एससी), फारबिसगंज , अररिया, जोकीहाट, सिकटी हैं। इन छह सीटों में 3 पर बीजेपी, और बाकी तीन सीटों पर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस का कब्जा है।