केन्द्रीय पर्यवेक्षक की निगरानी में होंगे भाजपा के संगठनात्मक चुनाव

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लखनऊ, 27 नवंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी संगठन पर्व-2024 की प्रदेश बैठक बुधवार को राजधानी लखनऊ के विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में सम्पन्न हुई। भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन चुनाव अधिकारी नरेश बंसल, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, प्रदेश संगठन चुनाव अधिकारी डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह एवं संगठन चुनाव अपील समिति के प्रदेश संयोजक राजेन्द्र अग्रवाल की उपस्थिति में आयोजित बैठक में प्रदेश में बूथ समितियों, मंडल समितियों तथा जिला संगठन के गठन पर चर्चा हुई।

बैठक में तय किया गया कि केन्द्रीय पर्यवेक्षक की निगरानी में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव होंगे। संगठनात्मक चुनाव के लिए प्रत्येक तीन जिलों के लिए एक केन्द्रीय पर्यवेक्षक तय किया जाएगा।

कार्यशाला में तय किया गया कि संगठन पर्व के तहत 28 से 02 दिसम्बर तक जिला स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे़ की संगठनात्मक चुनाव में प्रदेश के पर्यवेक्षक के रूप में सहभागिता रहेगी। आगामी 01 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक मंडल अध्यक्षों के चयन तथा 16 से 30 दिसम्बर तक जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया सम्पन्न होगी।

कार्यशाला में प्रदेश सदस्यता प्रभारी व प्रदेश महामंत्री गोविन्द नारायण शुक्ला ने सदस्यता अभियान तथा सक्रिय सदस्यता अभियान का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। क्षेत्रीय अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्र के सदस्यता अभियान, सक्रिय सदस्यता अभियान तथा बूथ समितियों के गठन का प्रतिवेदन कार्यशाला में प्रस्तुत किया। प्रदेश चुनाव सहप्रभारी श्रीमती रंजना उपाध्याय ने संचालन किया। कार्यशाला में प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, जिला चुनाव अधिकारी, जिला सहायक चुनाव अधिकारी, जिला सक्रिय सदस्यता सत्यापन अधिकारी सहित मोर्चो, मीडिया, सोशल मीडिया तथा आईटी के प्रदेश प्रमुख उपस्थित रहे।

भाजपा के राष्ट्रीय सहचुनाव अधिकारी नरेश बंसल ने कहा कि भाजपा परिवारवादी पार्टी नही है बल्कि परिवार भाव से चलने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया में सहमति के आधार पर काम करना है। बूथ की मजबूत संरचना से प्रत्येक चुनाव जीतना संभव है। इसलिए संगठनात्मक चुनाव में बूथ गठन की प्रक्रिया में सक्रिय और समर्पित लोगों को जोड़ना है। सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी और सर्वग्राही संगठन की संरचना तैयार करना है। जिसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व समाहित हो।