दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो पिछले 27 सालों से सत्ता से दूर है, अब एक नई रणनीति अपनाने की तैयारी में है। आम आदमी पार्टी (AAP) की ‘मुफ्त सुविधाओं की राजनीति’ को टक्कर देने के लिए भाजपा ‘ज्यादा मुफ्त’ का फॉर्मूला लेकर आ सकती है।
‘आप’ की मुफ्त बिजली, पानी, और इलाज जैसी योजनाओं के जरिए लगातार तीन बार सरकार बनाने के बाद, भाजपा ने अब इस ‘यूएसपी’ को चुनौती देने की ठानी है।
भाजपा का बड़ा दांव: ‘आप’ से ज्यादा मुफ्त बिजली का वादा
भाजपा अपने आगामी घोषणापत्र में ‘आप’ की तुलना में अधिक मुफ्त सुविधाएं देने का वादा कर सकती है।
- 300 यूनिट मुफ्त बिजली:
भाजपा हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा करेगी, जो ‘आप’ की 200 यूनिट से 100 यूनिट अधिक है। - धार्मिक स्थलों के लिए 500 यूनिट मुफ्त बिजली:
भाजपा धार्मिक स्थलों को हर महीने 500 यूनिट मुफ्त बिजली देने का भी ऐलान करेगी।
सूत्रों के अनुसार:
भाजपा की घोषणापत्र समिति ने इन प्रस्तावों पर सहमति बना ली है और जल्द ही इन्हें औपचारिक रूप से घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।
महिलाओं के लिए बड़ा वादा: 2500 रुपये मासिक
दिल्ली में महिला वोटर्स को साधने के लिए भाजपा और ‘आप’ के बीच जोरदार मुकाबला हो रहा है।
- ‘आप’ का वादा:
अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि अगर उनकी सरकार फिर से सत्ता में आई, तो महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। - भाजपा का पलटवार:
भाजपा ने केजरीवाल से बड़ा दांव चलते हुए महिलाओं को 2500 रुपये मासिक देने की योजना बनाई है।
यह वादा भाजपा की ‘ज्यादा मुफ्त’ की रणनीति को और मजबूत करेगा।
मुफ्त योजनाओं को जारी रखने का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रोहिणी में आयोजित ‘परिवर्तन रैली’ में दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया:
“अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो ‘आप’ की शुरू की गई कल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं होंगी।”
- महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा।
- बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थयात्रा।
केजरीवाल की ‘यूएसपी’ छीनने की तैयारी
अरविंद केजरीवाल हमेशा अपनी मुफ्त योजनाओं को ‘यूएसपी’ के रूप में प्रचारित करते रहे हैं।
- वह कई बार दावा कर चुके हैं कि भाजपा सत्ता में आई, तो ये मुफ्त सुविधाएं बंद हो जाएंगी।
- भाजपा अब इसी धारणा को तोड़ते हुए ‘आप’ से ज्यादा मुफ्त देने का वादा कर उनकी ‘यूएसपी’ को कमजोर करने की कोशिश में है।
विशेषज्ञों की राय:
दिल्ली में ‘आप’ की सफलता का मुख्य कारण उनकी मुफ्त सुविधाएं हैं, जो एक बड़े लाभार्थी वर्ग को प्रभावित करती हैं।
रेवड़ी कल्चर का विरोध और बदलाव की राजनीति
भाजपा पहले इन योजनाओं को ‘रेवड़ी कल्चर’ कहकर इनका विरोध कर चुकी है। लेकिन, जमीनी हकीकत को स्वीकार करते हुए अब पार्टी ने ‘आप’ की रणनीति को चुनौती देने का फैसला किया है।
- ‘आप’ से ज्यादा मुफ्त वादों के जरिए भाजपा दिल्ली में सत्ता का वनवास खत्म करना चाहती है।
- पार्टी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उनके वादे ‘आप’ की तुलना में अधिक आकर्षक और विश्वसनीय लगें।
क्या भाजपा की रणनीति सफल होगी?
दिल्ली की राजनीति में मुफ्त योजनाएं एक बड़ा मुद्दा हैं।
- जहां ‘आप’ ने इसे अपनी पहचान बनाई है, वहीं भाजपा इसे चुनौती देकर सत्ता में वापसी का सपना देख रही है।
- भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होगी, यह आगामी विधानसभा चुनावों में ही साफ होगा।