बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय इन दिनों सुर्खियों में हैं. हाल ही में यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद ट्विटर पर चल रहे ट्रेंड के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने फिर से नेता को 10 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है। आरएसएस की एक सदस्य ने भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय पर यौन उत्पीड़न में शामिल होने का आरोप लगाया। इन आरोपों से राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया.
कांग्रेस समेत कई विपक्षी ताकतों ने मालवीय की तत्काल गिरफ्तारी और उन्हें पद से तत्काल हटाने की मांग की है। उधर, इस मुद्दे पर अमित मालवीय भी पलट गए हैं. उन्होंने आरोप लगाने वाले आरएसएस सदस्य शांतनु सिन्हा के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है. साथ ही अपमानजनक पोस्ट हटाने की भी मांग की.
वकील द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है, “मेरे मुवक्किल के खिलाफ कथित यौन दुर्व्यवहार के झूठे आरोपों की प्रकृति बेहद आपत्तिजनक है।” इन आरोपों से मेरे सम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचेगी.’
यहां बता दें कि शांतनु सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में रहने के दौरान मालवीय के महिलाओं के साथ अवैध संबंध थे. सिर्फ 5 स्टार होटलों में ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के बीजेपी दफ्तरों में भी महिलाओं का यौन शोषण हो रहा है. कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी से हमारी मांग है कि महिलाओं के न्याय के हित में उन्हें तुरंत पद से हटाया जाए. जब तक अमित मालवीय इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है.
महिलाओं के लिए न्याय की मांग
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, हम बीजेपी से बंगाल में महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हैं. चाहे वह लखीमपुर हो, हाथरस हो, बिलकिस बानो हो या हमारे खिलाड़ी, अपराधियों को हर बार राजनीतिक संरक्षण दिया गया है।’ इस बार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’ मुझे उम्मीद है कि सरकार इस मामले पर कोई निश्चित फैसला लेगी.’