हरियाणा चुनाव 2024: हरियाणा में चुनाव से पहले बीजेपी में अंदरूनी कलह बढ़ती जा रही है. सत्ता विरोधी लहर को शांत करने के लिए मौदी मंडल ने 15 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. जिसके चलते बड़े नेता बगावत कर रहे हैं. इतना ही नहीं ‘पैराशूट नेताओं’ को टिकट देने से भी नाराजगी बढ़ी है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री भी विद्रोह को शांत करने में विफल रहे हैं. अब बीजेपी संगठन के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव पास करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हालांकि, इस बात को लेकर भी आशंका है कि राज्य चुनाव में मोदी को वोट मिलेंगे या नहीं.
बीजेपी ने दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी है
गौरतलब है कि देश में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. हरियाणा और महाराष्ट्र बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. हरियाणा में बीजेपी को अपना उम्मीदवार तय करने में दिक्कत हुई. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल और वरिष्ठ नेता राम विलास शर्मा को भी टिकट जारी किया गया है. मंत्री रणजीत चौटाला बगावत पर उतर आए हैं.
कांग्रेस से आए नेताओं का जलसा
वहीं कांग्रेस से आए पैराशूट नेताओं को टिकट दिया गया है. कांग्रेस से आईं किरण चौधरी को पहले राज्यसभा सीट दी गई, अब उनकी बेटी श्रुति चौधरी को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है. पूर्व कांग्रेस नेता राव इंद्रजीत के बेटे आरती को भी बीजेपी ने मैदान में उतारा है. कांग्रेस से आये रमेश कौशिक के बेटे देवेन्द्र और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भगवान को भी टिकट दिया गया है. ऐसे में बीजेपी के अंदर ही नाराजगी बढ़ गई है.
मुख्यमंत्री की बैठक अटकी हुई है
बीजेपी के लिए हालात इतने चुनौतीपूर्ण हैं कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपनी सीट पर ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि बीजेपी ने ऐसे नेताओं को शामिल किया है जो केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर से हरियाणा में चुनाव प्रचार शुरू करने जा रहे हैं. पार्टी के तमाम बड़े नेता भी जनसभाओं को संबोधित करेंगे. भाजपा संगठन को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार के बाद राज्य में हालात बदल जायेंगे.
उधर, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन नहीं हो सका. इनेल और बसपा गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि जेजेपी ने चन्द्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ गठबंधन किया है।