मंडी, 13 मई (हि.स.)। कंगना रनौत के मंडी से उम्मीदवार हो जाने के चलते यह सीट पूरे देश में सुर्खियों में आ गई है। कंगना रनौत मंगलवार को मंडी से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के सभी चारों मंडी, हमीरपुर, शिमला व कांगड़ा लोक सभा सीटों व 6 विधानसभा सीटों लाहुल स्पीति, बड़सर, धर्मशाला, गगरेट, सुजानपुर व कुटलैहड़ में रहे उपचुनाव के लिए पर्चे भरने का आखिरी दिन है। सभी पर्चों की जांच बुधवार 15 मई को होगी जबकि 17 मई दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जाने का समय है।
मंडी से अब तक 7 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इनमें प्रमुख तौर पर कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह के अलावा बसपा व अन्य दलों के उम्मीदवार हैं। मंगलवार को मंडी में भाजपा अपनी ताकत दिखाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के अलावा कई बड़े नेता भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे। यह सीट न केवल भाजपा बल्कि खास कर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष जय राम ठाकुर के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है।
कंगना रनौत के मुकाबले 3-3 बार यहां से सांसद रहे वीरभद्र व प्रतिभा सिंह के बेटे व प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के मैदान में आ जाने के चलते काफी रोचक व कांटे के संघर्ष वाली बन गई है। राष्ट्रीयच फेम कंगना रनौत के चलते इस सीट का नाम पूरे देश में लिया जाने लगा है। ऐसे में भाजपा यहां से किसी भी तरह को जोखिम नहीं उठाना चाहती और अपना 2014 व 2019 के विजय क्रम को हर हालत में बनाए रखना चाहती है।
दूसरी ओर कांग्रेस इस बार भाजपा की इस लय में खलल डालने का पूरा प्रयास कर रही है। यही कारण रहा कि 9 मई को विक्रमादित्य सिंह के नामांकन पत्र भरने के मौके पर जुटाई गई भीड़ व इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री व प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला का मौजूद रहना कांग्रेस की गंभीरता को दर्शाता है। अब भाजपा मंगलवार को अपने प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस पर भारी पड़ने के पूरे जुगाड़ में है। इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर ली है। खूब प्रचार किया जा रहा है।
मंडी संसदीय क्षेत्र के बारे में बता दें कि 2014 में यहां से जहां 9 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था वहीं 2019 में रिकार्ड 17 उम्मीदवार मैदान में थे। रोचक व हैरानीजनक यह है कि दोनों ही चुनावों में नोटा को पांचवां स्थान मिला है। 2014 में जहां 5 उम्मीदवारों को नोटा से कम वोट मिले थे वहीं 2019 में 13 उम्मीदवार नोटा से कम वोट पाने वाले रहे थे। इस बार सोमवार तक मंडी से 7 ही उम्मीदवारों के नामांकन आए हैं। अब मंगलवार को आखिरी दिन कितने पर्चे भरे जाते हैं यही देखने वाली बात होगी।