प्रियंका गांधी के ‘फलस्तीन बैग’ पर BJP का निशाना: कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप

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संसद में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘फलस्तीन’ समर्थन वाले बैग को लेकर सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति का प्रतीक बताते हुए कड़ी आलोचना की। बीजेपी नेताओं ने प्रियंका गांधी को सीधे निशाने पर लेते हुए सवाल उठाया कि वह आखिर किसे संदेश देना चाहती हैं।

बीजेपी का आरोप: कांग्रेस बनी ‘नई मुस्लिम लीग’

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रियंका गांधी के इस कदम को कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया।

  • अनुराग ठाकुर का बयान: बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रियंका गांधी की रुचि केवल फैशन स्टेटमेंट बनाने में है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर कभी आवाज नहीं उठाई, लेकिन फलस्तीन समर्थक बैग लेकर संसद में आकर वह एक अलग छवि बनाने की कोशिश कर रही हैं।
  • अमित मालवीय का हमला: भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने कांग्रेस को “आधुनिक युग की मुस्लिम लीग” बताया। उन्होंने प्रियंका गांधी को राहुल गांधी से भी बड़ी “आपदा” करार दिया और तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए शीतकालीन सत्र के अंत में दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए।
  • अनिर्बान गांगुली का आरोप: बीजेपी नेता ने प्रियंका गांधी पर जियोपॉलिटिक्स की जानकारी न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका यह कदम कांग्रेस की “पुरानी हिंदू विरोधी मानसिकता” को दर्शाता है।

प्रियंका गांधी का करारा जवाब

प्रियंका गांधी ने बीजेपी के इन हमलों का तीखा जवाब देते हुए कहा कि कोई भी यह तय नहीं कर सकता कि वह क्या पहनेंगी या उनका बैग कैसा होगा।

  • पितृसत्तात्मक सोच पर हमला: प्रियंका ने बीजेपी की सोच को पितृसत्तात्मक बताते हुए कहा कि वह भगवा पार्टी की “बेकार बातों” पर ध्यान नहीं देना चाहतीं।
  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: प्रियंका ने बीजेपी को नसीहत दी कि उन्हें लोगों के पहनावे पर टिप्पणी करने के बजाय बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर बांग्लादेश से बात करनी चाहिए और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

विवाद की शुरुआत: ‘फलस्तीन बैग’ पर सियासत क्यों?

संसद में प्रियंका गांधी के हाथ में एक बैग नजर आया, जिस पर ‘फ्री फलस्तीन’ लिखा था। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर हमला शुरू कर दिया।

  • बीजेपी का तर्क: बीजेपी का कहना है कि प्रियंका गांधी का यह कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस की पक्षधरता को दिखाता है, जो भारत के आंतरिक और पड़ोसी देशों के मुद्दों से अधिक जुड़ा हुआ है।
  • कांग्रेस की सफाई: कांग्रेस का दावा है कि यह प्रियंका गांधी का व्यक्तिगत चयन है और इसे सियासी रंग देना पूरी तरह अनुचित है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

बीजेपी ने प्रियंका गांधी पर यह भी सवाल उठाया कि उन्होंने पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कभी कोई बयान क्यों नहीं दिया।

  • बीजेपी का सवाल: प्रियंका गांधी जब फलस्तीन के लिए समर्थन दिखा सकती हैं, तो बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर चुप क्यों रहती हैं?
  • प्रियंका की प्रतिक्रिया: प्रियंका ने बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चर्चा करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बीजेपी को इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाना चाहिए।

बीजेपी बनाम कांग्रेस: राजनैतिक रणनीति या ध्रुवीकरण?

यह विवाद राजनीतिक ध्रुवीकरण का एक और उदाहरण बन गया है।

  • बीजेपी की रणनीति: बीजेपी कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाकर हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
  • कांग्रेस का जवाब: कांग्रेस ने इसे ध्यान भटकाने की रणनीति बताते हुए कहा कि बीजेपी असली मुद्दों से बचने के लिए ऐसे विवाद खड़े कर रही है।

फलस्तीन मुद्दा: अंतरराष्ट्रीय राजनीति से संबंध

‘फ्री फलस्तीन’ का संदेश इजरायल और फलस्तीन के बीच के विवाद से जुड़ा है।

  • भारत का रुख: भारत ने हमेशा इस मुद्दे पर संतुलित रुख अपनाया है। हालांकि, वर्तमान सरकार इजरायल के साथ मजबूत संबंधों को प्राथमिकता दे रही है।
  • प्रियंका का संकेत: प्रियंका गांधी का यह कदम एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर उनके व्यक्तिगत विचारों को दिखा सकता है, लेकिन इसे कांग्रेस की नीति का हिस्सा कहना गलत हो सकता है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों के समर्थक सक्रिय हो गए हैं।

  • बीजेपी समर्थक: प्रियंका गांधी के इस कदम को मुस्लिम तुष्टीकरण और हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रमाण बता रहे हैं।
  • कांग्रेस समर्थक: इसे प्रियंका गांधी की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचार व्यक्त करने का अधिकार मानते हैं।