बीजेपी मंत्री ने निभाया अपना वादा! लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद दिया इस्तीफा, ये है वजह

किरोड़ी लाल मीना: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से डाॅ. किरोड़ी लाल मीना ने सरकारी सुविधाओं का उपयोग नहीं किया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही इस्तीफा देने वाले हैं. किरोड़ी लाल मीना के सोशल मीडिया पर ‘रघुकुल रीता’ सदा चले, प्राण जाये पर वचन न जाये – उक्ति के बाद स्पष्ट हो गया कि डाॅ. किरोड़ी लाल मीणा अपना वादा पूरा करने जा रहे हैं. 

 

 

राजस्थान सरकार में कृषि एवं ग्रामीण मामलों के मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. किरोड़ीलाल मीणा ने करीब 10 दिन पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था और अब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा कर दी है. 

हालांकि, कांग्रेस नेता लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. क्योंकि चुनाव के दौरान किरोड़ीलाल मीणा ने कहा था कि अगर पूर्वी राजस्थान की 7 सीटों में से एक भी बीजेपी हारती है तो वह इस्तीफा दे देंगे. दौसा सीट से बीजेपी हार गई. इन सात सीटों में से बीजेपी को 4 सीटें हार गईं, जिनमें दौसा, करोली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और भरतपुर सीटें शामिल हैं। 

इससे पहले जब किरोड़ीलाल मीणा से कैबिनेट बैठक में शामिल न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक टीवी से कहा कि ‘मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. इसीलिए उन्होंने कैबिनेट बैठक में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि, सीएम भजनलाल ने मुझसे कहा कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है, हालांकि मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर बीजेपी 7 में से एक भी सीट हारती है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया.   

आपको बता दें कि भरतपुर, धौलपुर-करोली, दौसा और टोंक-सवाईमाधोपुर की 4 सीटों पर बीजेपी की हार के बाद विरोधियों ने किरोड़ी को उनका वादा याद दिलाया और इस्तीफे की मांग की. हालांकि किरोड़ी लाल मीणा ने प्रचार के दौरान पीएम मोदी को दौसा समेत 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी. लेकिन यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

 आपने इस्तीफा क्यों दिया? 

गौरतलब है कि टोंक में सीएम भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में किरोड़ी लाल मीना ने कहा था कि अगर कोई 5 साल में सुखबीर जौनापुरिया को हराने वाले हरीश मीना का मोबाइल नंबर और ठिकाना बता दे तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. किरोड़ी लाल मीणा ने जौनापुरिया के लिए कहा कि वह सांसद रहे और 10 साल तक सेवा की, लेकिन भगवान जाने कौन उनके जाल में फंस गया और उन्हें हरा दिया.