विपक्ष की चुनौती से पार पाने के लिए बीजेपी ने बनाया नया प्लान, 4 राज्यों के चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी

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महाराष्ट्र हरियाणा विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र और हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को लेकर भी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. सुरक्षा स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के बीच समीक्षा चल रही है. इसके बाद माना जा रहा है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ कश्मीर में भी चुनाव की घोषणा हो सकती है. इस बीच बीजेपी ने तीनों राज्यों में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, पार्टी झारखंड में भी सक्रिय है, जहां दिसंबर में चुनाव होने हैं। बीजेपी में उम्मीदवारों के चयन के लिए बैठकें भी शुरू हो गई हैं. महाराष्ट्र में रविवार को प्रदेश कार्यकारिणी की चुनावी बैठक थी. इसमें सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी मौजूद रहे।

विपक्ष की चुनौती से पार पाने के लिए बीजेपी ने बनाया नया प्लान

फिलहाल बीजेपी महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार चला रही है और हरियाणा में अपने दम पर सरकार चला रही है. वहीं, झारखंड में फिलहाल कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की गठबंधन सरकार है. बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी सभी राज्यों में उम्मीदवारों का चयन जल्दी करना चाहती है. इसका कारण यह है कि चुनाव प्रचार का मौका मिले और चयनित उम्मीदवार अपने क्षेत्र में जाकर अपनी पकड़ मजबूत कर सके. इस मुद्दे पर मंथन के लिए सभी राज्यों के चुनाव अधिकारियों और संगठन मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है.

मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर के पहले 15 दिनों में चुनाव की घोषणा हो सकती है. वहीं, बीजेपी अगस्त के अंत तक उम्मीदवारों की सूची जारी करना शुरू कर सकती है. सबसे पहले महाराष्ट्र में कम से कम 35 उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है. इसके अलावा हरियाणा में भी 20 से 25 उम्मीदवार तय हो सकते हैं. दूसरी ओर, झारखंड को लेकर भी मंथन चल रहा है. पहले दौर में बीजेपी उन सीटों पर अपने नाम का ऐलान करेगी जहां वह पिछले चुनाव में हार गई थी या हार के बेहद करीब थी. 

सबसे पहले एससी और एसटी की आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार तय होंगे

इसके अलावा एससी और एसटी आरक्षित सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन भी थोड़ा पहले हो सकता है. इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में अनुसूचित जाति का वोट इंडिया गठबंधन की ओर शिफ्ट हो गया. ऐसे में बीजेपी के लिए इस वर्ग को लुभाना एक चुनौती होगी. ऐसे में पार्टी चाहती है कि ऐसी सीटों पर उम्मीदवारों का चयन जल्दी हो जाए.