बीजेपी ने किया था वादा शिंदे बनेंगे सीएम: शिवसेना के सुर बदल गए, बीजेपी क्या करेगी?

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महाराष्ट्र सीएम: आज से चार साल पहले 2019 में महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की सीट को लेकर विवाद हो गया था और राज्य की दो प्रमुख पार्टियां बीजेपी और शिवसेना एक-दूसरे से अलग हो गईं थीं. उद्धव ठाकरे की पार्टी ने कहा कि अमित शाह ने वादा किया था कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. हालांकि, बीजेपी ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा कोई वादा नहीं किया गया था और स्वाभाविक रूप से अधिक सीटों वाली पार्टी को सत्ता मिलनी चाहिए. इस मुद्दे पर टकराव इतना बढ़ गया कि उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद वह करीब ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे. हालांकि, चार साल बाद एक बार फिर शिवसेना और बीजेपी के बीच ऐसी तकरार देखने को मिल रही है. लेकिन अब शिवसेना में फूट पड़ गई है और उद्धव ठाकरे की जगह एकनाथ शिंदे बीजेपी को उसके वादे याद दिला रहे हैं.

पांच साल बाद पिछली बातें दोहरा रहे हैं?

इस चुनाव को पांच साल बीत चुके हैं, शिव सेना दो हिस्सों में बंट गई, जिसमें शिंदे सेना ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर शिव सेना के नाम पर सरकार बनाई. इसके बाद दोबारा विधानसभा चुनाव हुए और नतीजे भी सामने आये. इस बार एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं. हालांकि, बीजेपी के खाते में 132 सीटें आईं. अब एक बार फिर इन अलग-अलग किरदारों वाला वही विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में देखने को मिल रहा है.

शिंदे सेना ने पूछा

एकनाथ शिंदे सेना चाहती है कि मुख्यमंत्री उनका हो. पार्टी नेता एकनाथ शिंदे दोबारा सीएम पद के लिए उतरे हैं और बिहार से लेकर हरियाणा तक का उदाहरण दे रहे हैं. इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे की शिव सेना की भाषा अब 2019 की उद्धव ठाकरे की शिव सेना जैसी हो गई है. चार साल पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि बीजेपी ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था. अब शिंदे सेना संजय राउत की तरह बीजेपी को उसका वादा और गठबंधन धर्म याद दिला रही है.

मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव से पहले लिया गया था

एकनाथ शिंदे यह भी दावा कर रहे हैं कि बीजेपी ने वादा किया था कि अगर उसे सत्ता मिली तो मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा. शिंदे सेना के अध्यक्ष का कहना है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ये बैठकें की गईं. इस बैठक में फैसला लिया गया कि अगर सरकार बनी तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, बिना ये देखे कि किसे कितनी सीटें मिलीं.

 

बीजेपी ने दावे का खंडन किया

साथ ही उन्होंने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि मुंबई में अमित शाह की मौजूदगी में बैठक हुई थी. इस बैठक में कहा गया कि अगर महायुति को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री का फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड, एनसीपी और शिवसेना का नेतृत्व करेगा. हां, चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. हालांकि, मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद मिलकर लिया जाएगा। बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसे तो तय हो गया था कि फैसला बाद में लिया जाएगा, पहले से कुछ तय नहीं था.