बिहार में बीजेपी को अकेले लड़ने का फायदा मिला, नीतीश चालक: प्रशांत किशोर

जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बिहार में एनडीए के नेतृत्व वाली नई सरकार का गठन कर लिया है। नई सरकार बना रहे विपक्षी दल नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. कोई उन्हें अवसरवादी कह रहा है तो कोई उन्हें पलटूराम और आयाराम-गयाराम कह रहा है. इन सबके बीच जन सुराज अभियान प्रमुख और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी अकेले लड़ती तो ज्यादा फायदेमंद होता.

नीतीश अपने जीवन की आखिरी पारी खेल रहे हैं

प्रशांत किशोर ने नीतीश पर हमला बोला और बीजेपी को तोड़फोड़ करने वाली पार्टी बताया. प्रशांत किशोर ने कहा कि इंडिया ब्लॉक को खत्म करने के लिए बीजेपी ने यह कदम उठाया है. अगर बिहार में बीजेपी अकेले लड़ती तो ज्यादा फायदा होता. प्रशांत किशोर ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नीतीश अपने जीवन की आखिरी पारी खेल रहे हैं. वो कब क्या कर देंगे ये कोई नहीं जानता. जनता ने उन्हें नकार दिया है, इसलिए वह अपनी सीट बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

एनडीए क्लीन स्वीप करेगा

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा, ‘चुनाव में बीजेपी/एनडीए साफ-सुथरी जीत हासिल करेगी और सिर्फ एक ही मुद्दा होगा- नरेंद्र मोदी. इसके आसपास ही चुनाव होंगे. अब आसपास कोई नहीं है. प्रशांत किशोर ने कहा कि सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि बिहार की सभी पार्टियां ‘पुलटूराम’ हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि यह गठबंधन 2025 के चुनाव में टिक नहीं पाएगा. इस घटना से बीजेपी को भारी नुकसान होगा. अगर बीजेपी अकेले लड़ती तो जीतने की स्थिति में होती.

नीतीश चतुर हैं

उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार चालाक हैं, बिहार की जनता को धोखा दे रहे हैं और बिहार की जनता को ब्याज सहित पैसा लौटा देंगे. अगर लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी चली गई या उसके खिलाफ लड़ेगी तो जनता उनका साथ छोड़ देगी. अगले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार चाहे किसी भी गठबंधन में चुनाव लड़ें, उनकी पार्टी को 20 सीटें भी नहीं मिलेंगी. अगर ऐसा आया तो मैं अपने काम से संन्यास ले लूंगा.’

विधानसभा चुनाव तक यह गठबंधन अस्तित्व में नहीं रहेगा

इससे पहले रविवार को मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था कि मौजूदा गठबंधन में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं और उन्हें बीजेपी का समर्थन प्राप्त है, लेकिन यह गठबंधन (बिहार) विधानसभा चुनाव तक अस्तित्व में नहीं रहेगा. मैं यह बात आपको लिखित में दे सकता हूं. राजनीतिक रणनीतिकार ने कहा कि यह बदलाव लोकसभा चुनाव के छह महीने के भीतर होगा. उन्होंने कहा कि राज्य में अगले विधानसभा चुनाव से पहले आप देखेंगे कि बिहार की राजनीतिक स्थिति क्या है.

नीतीश ने एनडीए के साथ सरकार बनाई

आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. रविवार शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. नीतीश के साथ सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. इसके साथ ही 6 अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली।इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि महागठबंधन में स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए मैंने यह कदम उठाया है।