बिजवासन विधानसभा सीट: त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा, कांग्रेस और आप आमने-सामने

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दिल्ली की बिजवासन विधानसभा सीट इस बार राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बनी हुई है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कैलाश गहलोत, कांग्रेस से देवेंद्र सहरावत, और आम आदमी पार्टी (आप) से सुरेंद्र भारद्वाज चुनावी मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि कैलाश गहलोत और देवेंद्र सहरावत पहले आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे। ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि मतदाता पार्टी को प्राथमिकता देते हैं या उम्मीदवार के व्यक्तित्व को।

बिजवासन सीट: एक नजर में

बिजवासन विधानसभा सीट वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। यह क्षेत्र जाट बहुल है, लेकिन रंगपुरी, कापसहेड़ा, बिजवासन, राजनगर, और समालखा जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता भी रहते हैं।
इस क्षेत्र में शामिल प्रमुख इलाके:

  • वसंतकुंज, रंगपुरी, रजोकरी
  • महिपालपुर, कापसहेड़ा, समालखा
  • एयरपोर्ट, द्वारका के कुछ सेक्टर

राजनीतिक इतिहास

  • 2008 और 2013: भाजपा के सत्यप्रकाश राणा ने इस सीट पर जीत हासिल की।
  • 2015 और 2020: आम आदमी पार्टी ने लगातार दो बार जीत दर्ज की।
    2020 के विधानसभा चुनाव में आप और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर हुई थी।
  • आम आदमी पार्टी: 57,271 वोट
  • भारतीय जनता पार्टी: 56,518 वोट
  • कांग्रेस: 5,937 वोट

कुल मतदाता: 2,11,745

  • पुरुष: 1,14,518
  • महिला: 97,041
  • थर्ड जेंडर: 186

मुख्य मुद्दे और चुनौतियां

बिजवासन क्षेत्र में जाट बहुल इलाकों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ी और कच्ची कॉलोनियां भी हैं। यहां की समस्याएं पॉश इलाकों से लेकर बुनियादी जरूरतों तक फैली हुई हैं।

प्रमुख समस्याएं:

  1. टूटी सड़कों की समस्या:
    • बारिश के समय जलभराव से हालात और खराब हो जाते हैं।
  2. जल संकट:
    • गर्मियों में लोगों को पानी के लिए टैंकर मंगवाना पड़ता है।
    • 2015 में भूमिगत जलाशय का काम शुरू हुआ था, लेकिन अब तक अधूरा है।
  3. सीवरेज की कमी:
    • बारिश में जलभराव और सीवरेज व्यवस्था की खस्ताहालत बड़ी चुनौती है।
  4. अवैध निर्माण:
    • कापसहेड़ा और अन्य ग्रीन जोन में अवैध निर्माण पर कोई नियंत्रण नहीं।
  5. अतिक्रमण और गंदगी:
    • सड़कों पर अतिक्रमण से यातायात प्रभावित।
    • कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट खराब हैं और गंदगी के ढेर लगे हैं।

स्थानीय निवासियों की राय

  • पल्लवी (स्थानीय निवासी):
    “टूटी सड़कों और जलभराव की समस्या भयावह हो जाती है। जल संकट के कारण पानी के लिए टैंकर मंगवाना मजबूरी है।”
  • अन्य स्थानीय लोग:
    • “कच्ची कॉलोनियों में एमसीडी/डीडीए की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।”
    • “अवैध निर्माण और खराब सीवरेज व्यवस्था इलाके के विकास में सबसे बड़ी बाधा हैं।”

इस बार के उम्मीदवार और समीकरण

  • कैलाश गहलोत (भाजपा):
    • पूर्व परिवहन मंत्री और जाट समुदाय से आते हैं।
    • भाजपा से टिकट पाकर मैदान में हैं।
  • देवेंद्र सहरावत (कांग्रेस):
    • वर्ष 2015 में आप के टिकट पर बिजवासन से विधायक चुने गए थे।
    • अब कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
  • सुरेंद्र भारद्वाज (आप):
    • वर्तमान विधायक बीएस जून की जगह चुने गए।
    • राजनगर के पार्षद के रूप में सक्रिय रहे हैं।

चुनावी लड़ाई के प्रमुख बिंदु

यह चुनाव त्रिकोणीय मुकाबला बनता नजर आ रहा है।

  • कैलाश गहलोत और देवेंद्र सहरावत दोनों जाट समुदाय से हैं, जिससे जाट वोट बैंक पर खींचतान होगी।
  • आप के उम्मीदवार सुरेंद्र भारद्वाज ने अपनी सक्रियता और स्थानीय जुड़ाव के बल पर चुनाव में मजबूती दिखाई है।