केदारनाथ पर हरीश रावत के बयान पर भाजपा का वार, कहा- उपेक्षा का दंड भुगतेगी कांग्रेस

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देहरादून, 05 अगस्त (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी और जनता के सुख-दुख में खड़ी रहती है। केदारनाथ उपचुनाव में हर कार्यकर्ता के पास कमान है। केदारनाथ की अब तक कांग्रेस ने जो उपेक्षा की है, उसका दंड उसे अवश्य जनता देगी।

मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम हरीश रावत के आरोपों पर मीडिया के ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि केदारनाथ उप चुनाव की कमान आम कार्यकर्ताओं के हाथ में रहेगी, इसमें कोई संशय नहीं है। वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में हमेशा ही बूथ लेवल तक कार्यकर्ता कमान संभालते रहे हैं। कांग्रेस के पास यह समस्या जरूर है कि उनके पास न नेता और न ही कार्यकर्ता हैं।

मनवीर चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि केदारनाथ के साथ कांग्रेस ने जो अन्याय किया उसे सब भली भांति जानते हैं। आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल उठा रही कांग्रेस को इस बार केदारनाथ में आई आपदा को देखने की जरूरत है कि अल्प समय में बेहतर प्रबंधन कैसे होता है। साल 2013 में आई आपदा के समय भी अलर्ट घोषित हुआ था, लेकिन बेपरवाह तत्कालीन कांग्रेस सरकार को तो दो दिन बाद पता लगा कि केदारधाम तहस नहस हो गया। इस समय केदारघाटी में आई आपदा के कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर आपदा प्रभावितों के बीच उपस्थित होकर तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाया गया। इस बार सरकार ने समय पर रेस्क्यू कार्य शुरू कर सभी जरूरी कदम उठाये और हजारों लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। मुख्यमंत्री खुद रेस्क्यू कार्यों की चौबीसों घंटे मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

मनवीर चौहान ने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो अद्वितीय प्रयास कर धरातल पर उतारे, वह ऐतिहासिक हैं। हिटो केदार का राग अलापने वाले एल्बम निर्माण के लिए लाखों लुटा बैठे और निर्माण कार्यों मे भी लाखों के वारे न्यारे किये। ऐसे में वह केदारनाथ में आशीर्वाद की कल्पना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम की पीड़ा केदारनाथ में अपनी पार्टी के संभावित उम्मीदवार को लेकर है, क्योंकि वह ऐसे उम्मीदवारों की ओर भी इशारा कर रहे हैं जो कि वहां की गरिमा के अनुरूप नहीं है। यह कांग्रेस की चिंता हो सकती है कि केदारनाथ में कांग्रेस के पास उम्मीदवार नहीं है और जीत के तमाम दावे हो रहे हैं।