दिल्ली में आगामी चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा प्रस्तावित ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। इस योजना के तहत दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 देने का वादा किया गया है। इस घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘चुनावी हिंदुत्व’ का दिखावा बताते हुए आप पर तीखे हमले किए हैं।
भाजपा का पोस्टर वार: केजरीवाल पर तंज
भाजपा ने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए एक पोस्टर जारी किया है।
- पोस्टर का स्वरूप:
केजरीवाल को एक नाटकीय पुजारी के रूप में दिखाया गया है, जो फिल्म भूल भुलैया के अभिनेता राजपाल यादव के किरदार की याद दिलाता है। - पोस्टर पर लिखा:
“मंदिर जाना है बस मेरे लिए एक छलावा, पुजारियों का सम्मान बस मेरा चुनावी दिखावा, सनातन धर्म का मैंने हमेशा मजाक उड़ाया।”
- भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने हमेशा हिन्दू धर्म का उपहास उड़ाया है और उनकी योजना सिर्फ चुनावी फायदे के लिए है।
भाजपा का आरोप: ‘चुनावी हिंदू’
दिल्ली भाजपा ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल को ‘चुनावी हिंदू’ बताते हुए तीखी आलोचना की।
- ट्वीट में लिखा:
“केजरीवाल, जो पिछले 10 सालों से इमामों को वेतन दे रहे हैं, अब चुनाव के समय पुजारियों और ग्रंथियों को याद कर रहे हैं। उन्होंने मंदिरों और गुरुद्वारों के पास शराब के ठेके खुलवाए और हिन्दू विरोधी राजनीति की।”
आप का पलटवार: भाजपा को दी चुनौती
आरोपों के जवाब में आम आदमी पार्टी ने भी पोस्टर के माध्यम से पलटवार किया।
- आप का पोस्टर:
इसमें भाजपा से अपने शासित 20 राज्यों में पुजारियों और ग्रंथियों को ₹18,000 सम्मान राशि देने की चुनौती दी गई। - पोस्टर पर लिखा:
“बीजेपी को केजरीवाल का ओपन चैलेंज: अपने 20 राज्यों में पुजारियों-ग्रंथियों को ₹18,000 सम्मान राशि दो।”
केजरीवाल का ‘एक्स’ पोस्ट
अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
- केजरीवाल का बयान:
“जब से पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा हुई है, भाजपा वाले मुझे गंदी-गंदी गालियां दे रहे हैं। मेरा सवाल है: क्या मुझे गाली देने से देश का फायदा होगा?”
- चुनौती:
“आपकी 20 राज्यों में सरकारें हैं। गुजरात में तो 30 साल से आपकी सत्ता है। वहां पुजारियों और ग्रंथियों का सम्मान क्यों नहीं किया? अब भी कर दो। मैंने रास्ता दिखा दिया है। गाली देने के बजाय इसे लागू करो।”
राजनीतिक घमासान का विश्लेषण
- भाजपा का रुख:
भाजपा इस योजना को केजरीवाल की ‘चुनावी चाल’ बता रही है और इसे हिंदू धर्म का राजनीतिकरण कह रही है। - आप का पलटवार:
आप ने भाजपा पर हिंदू हितों की अनदेखी का आरोप लगाया और योजना को देशभर में लागू करने की चुनौती दी। - वोट बैंक की राजनीति:
दोनों दल पुजारियों और ग्रंथियों के सम्मान के मुद्दे पर अपने-अपने दावे कर रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल और गरमा गया है।