क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया एक बार फिर हलचल में है, क्योंकि Bitcoin ने ऐतिहासिक रूप से एक बार फिर 100,000 डॉलर के स्तर को पार कर लिया है। यह न केवल डिजिटल संपत्ति के समर्थकों के लिए बड़ी खबर है, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।
इस बीच, अमेरिकी राजनीति और क्रिप्टोकरेंसी का एक दिलचस्प गठजोड़ सामने आ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप, जो आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं, ने अपने पिछले कार्यकाल और अभियान के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई विवादास्पद बयान दिए थे। अब सवाल यह है कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो क्या वे क्रिप्टो पर अपने वादों और रुख को लेकर कुछ ठोस कदम उठाएंगे?
Bitcoin का ऐतिहासिक उछाल
Bitcoin ने 100,000 डॉलर का आंकड़ा छूकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह क्रिप्टोकरेंसी बाजार की निर्विवाद “किंग” है। यह उछाल कई कारकों का परिणाम है:
- निवेशकों की बढ़ती रुचि: संस्थागत और खुदरा निवेशकों का Bitcoin की ओर रुझान तेजी से बढ़ रहा है।
- क्रिप्टो की वैश्विक स्वीकृति: कई देशों ने Bitcoin को वैध मुद्रा के रूप में अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
- अमेरिकी नीतियों का प्रभाव: फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीतियां और डॉलर की स्थिति ने भी निवेशकों को Bitcoin की ओर खींचा है।
ट्रंप का क्रिप्टो को लेकर विवादास्पद रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट रूप से आलोचनात्मक रुख अपनाया था। उन्होंने इसे “धोखाधड़ी” और “डॉलर को कमजोर करने वाला” कहा था।
ट्रंप का यह रुख मुख्य रूप से इस धारणा पर आधारित था कि Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी अमेरिकी डॉलर की ताकत को चुनौती दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी अपराधों को बढ़ावा दे सकती है।
हालांकि, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान उनका रुख थोड़ा नरम दिखाई दिया। उन्होंने क्रिप्टो पर नियमन (Regulation) की बात की और कहा कि इसे “सुरक्षित और पारदर्शी” बनाया जाना चाहिए।
अगर ट्रंप बने राष्ट्रपति, तो क्रिप्टो पर क्या हो सकता है?
अगर डोनाल्ड ट्रंप फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनके अगले कदम काफी महत्वपूर्ण होंगे। आइए, संभावित परिदृश्यों पर नजर डालते हैं:
1. कड़े नियमन की संभावना
ट्रंप प्रशासन क्रिप्टो पर सख्त नियम लागू कर सकता है। उनका ध्यान क्रिप्टो लेनदेन को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने पर होगा, ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
2. अमेरिकी डॉलर को प्राथमिकता
ट्रंप हमेशा से अमेरिकी डॉलर को प्राथमिकता देते आए हैं। ऐसे में, वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी डॉलर की स्थिति को कमजोर न करे।
3. क्रिप्टो को वैधता देने में संकोच
जहां कई देश Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ट्रंप का प्रशासन इसे पूरी तरह वैधता देने से बच सकता है।
4. क्रिप्टो के लिए सरकारी नीति
ट्रंप ने अपने हालिया बयानों में संकेत दिया है कि क्रिप्टो को एक स्थायी नीति के तहत लाना जरूरी है। इससे अमेरिका में क्रिप्टो बाजार को विनियमित किया जा सकता है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
क्रिप्टो समर्थकों की उम्मीदें
क्रिप्टोकरेंसी समर्थकों को उम्मीद है कि ट्रंप, अगर राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह अपने आलोचनात्मक रुख को पीछे छोड़कर एक संतुलित और सहायक नीति अपनाएंगे। अमेरिका में क्रिप्टो बाजार को मजबूत करने के लिए स्पष्ट और स्थिर नियम बनाए जा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखे, तो यह न केवल देश के लिए, बल्कि वैश्विक क्रिप्टो बाजार के लिए भी फायदेमंद होगा।
क्रिप्टो पर ट्रंप का नरम रुख
हाल के दिनों में, डोनाल्ड ट्रंप का रुख क्रिप्टो को लेकर थोड़ा नरम दिखाई दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें “ब्लॉकचेन तकनीक की क्षमता” को समझने की जरूरत है और यह कैसे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचा सकती है।
यह बदलाव उन समर्थकों के लिए राहत का संकेत है, जो मानते हैं कि ट्रंप प्रशासन क्रिप्टो उद्योग को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।
Bitcoin के 100,000 डॉलर पार करने का क्या है असर?
Bitcoin का 100,000 डॉलर का आंकड़ा पार करना न केवल एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह दुनिया के लिए एक संकेत है कि डिजिटल संपत्तियां भविष्य में वित्तीय व्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा बन सकती हैं।
- निवेशकों का विश्वास बढ़ा: इस उछाल ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों का विश्वास और बढ़ाया है।
- अमेरिका की भूमिका अहम: अमेरिका जैसे देशों की क्रिप्टो पर नीतियां अब और भी ज्यादा मायने रखती हैं।