Bihar Politics : प्रशांत किशोर का परिवार लाभ कार्ड ,क्या है हर महीने 20,000 रुपये की मदद का सच?
News India Live, Digital Desk: बिहार की राजनीति में इन दिनों एक कार्ड की खूब चर्चा हो रही है, जिसे "परिवार लाभ कार्ड" का नाम दिया गया है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी घर-घर जाकर यह कार्ड बनवा रही है। दावा किया जा रहा है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो इस कार्ड के जरिए हर परिवार को महीने में लगभग 20,000 रुपये तक का फायदा पहुंचाया जाएगा।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर यह कार्ड क्या है और इसके पीछे की कहानी क्या है।
क्या है यह "परिवार लाभ कार्ड"?
देखने में यह कार्ड किसी एटीएम या क्रेडिट कार्ड जैसा लगता है, जिस पर एक यूनिक नंबर भी दिया गया है प्रशांत किशोर की पार्टी "जन सुराज" के कार्यकर्ता बिहार के अलग-अलग गांवों और पंचायतों में कैंप लगाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं और उन्हें यह कार्ड दे रहे हैं। यह कार्ड बनवाने के लिए लोगों से उनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां ली जा रही हैं।
20,000 रुपये का लाभ कैसे मिलेगा?
यहां एक बात समझना जरूरी है कि प्रशांत किशोर सीधे तौर पर किसी परिवार को 20,000 रुपये कैश देने का वादा नहीं कर रहे हैं। बल्कि, उनका कहना है कि उनकी सरकार बनने पर कुछ ऐसी योजनाएं लाई जाएंगी, जिनसे एक परिवार को हर महीने कुल मिलाकर 20,000 रुपये तक का लाभ मिल सकता है।
इस कार्ड में 5 बड़े वादे शामिल किए गए हैं:
- युवाओं को रोजगार: प्रदेश के युवाओं को 10,000 से 12,000 रुपये महीने के रोजगार की गारंटी
- बुजुर्गों और दिव्यांगों को पेंशन: 60 साल से ऊपर के हर बुजुर्ग और दिव्यांग को प्रति माह 2,000 रुपये पेंशन।[
- महिलाओं के लिए लोन: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 4% के सालाना ब्याज पर 5 लाख रुपये तक का लोन।
- बच्चों को बेहतर शिक्षा: 15 साल तक के गरीब बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए हर महीने 1,000 रुपये की मदद।
- किसानों को मदद: नकदी फसल की खेती करने वाले किसानों के लिए मुफ्त में मजदूरों की व्यवस्था।
इन सभी योजनाओं से होने वाले फायदे को जोड़कर करीब 20,000 रुपये महीने का हिसाब बताया जा रहा है।
कार्ड अभी एक्टिवेट नहीं होगा
जन सुराज पार्टी का कहना है कि यह कार्ड और इसमें दिए गए वादे तभी लागू होंगे, जब 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी सरकार बनेगी। उनका कहना है कि सरकार बनने के बाद इसी कार्ड के आधार पर लोगों को योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ दिया जाएगा। फिलहाल, यह एक तरह का रजिस्ट्रेशन है, जिससे लोगों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
क्या कार्ड बनवाने के पैसे लग रहे हैं?
इसको लेकर मिली-जुली खबरें सामने आ रही हैं। कई जगहों पर यह कार्ड बिलकुल फ्री में बनाया जा रहा है, तो वहीं कुछ जगहों से ऐसी भी खबरें हैं कि सदस्यता शुल्क के नाम पर 10 रुपये लिए जा रहे हैं।
यह चुनावी वादा बिहार की राजनीति में एक नया प्रयोग है। अब देखना यह होगा कि जनता प्रशांत किशोर के इस "परिवार लाभ कार्ड" पर कितना भरोसा करती है और यह आने वाले चुनावों में कितना असर डाल पाता है।
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