Bihar Political violence : हड्डियां तोड़ीं, फेफड़ा फाड़ा ,मोकामा में RJD समर्थक की हत्या का सच जानकर कांप जाएगी रूह
News India Live, Digital Desk : Bihar Political violence : मोकामा की धरती पर चुनावी सरगर्मी के बीच हुई RJD समर्थक दुलारचंद यादव की मौत के मामले में एक ऐसा सनसनीखेज और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसने पूरी घटना की कहानी को ही पलटकर रख दिया है। अब तक जहां यह माना जा रहा था कि दुलारचंद की मौत गोली लगने से हुई है, वहीं अब उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने एक बिल्कुल अलग और कहीं ज्यादा खौफनाक सच्चाई को उजागर किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुलारचंद यादव को गोली लगी ही नहीं थी! उनकी मौत का कारण गोली नहीं, बल्कि उन्हें बेरहमी से लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मारना था।
क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट?
शुक्रवार को आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने जांच कर रही पुलिस और राजनीतिक गलियारों, दोनों में हड़कंप मचा दिया है। रिपोर्ट में मौत की जो वजह बताई गई है, वो बेहद बर्बर है:
- टूटी हुई पसलियां: दुलारचंद पर इतनी बेरहमी से वार किए गए थे कि उनकी पसलियों की हड्डियां टूट (Fractured Ribs) गई थीं।
- फेफड़े में हुआ छेद: टूटी हुई पसलियों का एक टुकड़ा उनके फेफड़े (Lungs) में घुस गया था, जिससे फेफड़ा पंक्चर हो गया और अंदर ही अंदर खून बहने लगा।
- मौत का कारण: रिपोर्ट में मौत का अंतिम कारण इन्हीं गंभीर अंदरूनी चोटों और अत्यधिक रक्तस्राव को बताया गया है। उनके शरीर पर किसी भी तरह के गोली लगने का कोई निशान नहीं मिला है।
क्या हुआ था उस दिन?
यह घटना चुनाव प्रचार के दौरान पंडारक में हुई थी, जब 'छोटे सरकार' अनंत सिंह की पत्नी और RJD उम्मीदवार नीलम देवी के समर्थक और जेडीयू नेता ललन सिंह के करीबी पीयूष कुमार के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। इसी झड़प में, जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गई, RJD के एक सक्रिय कार्यकर्ता दुलारचंद यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी।
घटना के बाद, यह खबर आग की तरह फैल गई थी कि दुलारचंद की मौत गोली लगने से हुई है, जिससे पूरे इलाके में भारी तनाव पैदा हो गया था।
अब क्या होगा आगे?
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के इस खुलासे के बाद अब पुलिस की जांच की दिशा भी पूरी तरह से बदल गई है। अब यह मामला चुनावी गोलीबारी का नहीं, बल्कि मॉब लिंचिंग या बेरहमी से पीट-पीटकर की गई हत्या का बन गया है।
पुलिस ने इस मामले में हत्या की FIR दर्ज कर ली है और नामजद आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। यह रिपोर्ट इस बात का सबूत है कि मोकामा का चुनावी संघर्ष किस कदर व्यक्तिगत दुश्मनी और बर्बरता की हदों को पार कर चुका है, जहां इंसानियत को ताक पर रखकर एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार दिया गया।
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