Bihar Government : चुनाव से पहले मिशन घर वापसी दिल्ली से बिहार आने वाली ट्रेनों में अब नवंबर तक नो सीट

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News India Live, Digital Desk:  Bihar Government : बिहार में इन दिनों चुनावी सरगर्मी ज़ोरों पर है, और इस माहौल का एक बड़ा हिस्सा बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासी श्रमिकों से जुड़ा है. आपने अक्सर सुना होगा कि बिहार से पलायन रोकना सरकारों की बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, लेकिन लगता है कि ये सारी बातें हवा हवाई ही रह गई हैं. हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है, और वो हकीकत है दिल्ली से बिहार की ओर जाने वाली खचाखच भरी ट्रेनें.

जी हां, चुनाव की दस्तक के साथ ही अब दिल्ली से बिहार लौटने वाले लोगों का तांता लगना शुरू हो गया है. हालत ये है कि छठ पूजा के पहले ही अब दिल्ली, मुंबई, पंजाब, गुजरात जैसे शहरों से बिहार आने वाली सभी ट्रेनें नवंबर तक लगभग पूरी तरह भर चुकी हैं. दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहार और साथ में चुनाव, इस सब ने मिलकर बिहार वापसी का जो दबाव बनाया है, उसने दिखा दिया है कि लाखों की संख्या में आज भी बिहार के लोग रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं.

इस पूरे मंज़र को देखकर यही कहा जा सकता है कि प्रवासी मजदूरों को रोकने या उन्हें अपने राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराने के राजनीतिक अभियान और दावे धरे के धरे रह गए हैं. जो नेता ये कहते थे कि पलायन रोक देंगे, उनकी बातों का जमीनी असर कुछ खास नहीं दिख रहा. श्रमिक अब भी सिर्फ त्योहारों या फिर चुनावी मौसम में ही अपने घर लौटते हैं, क्योंकि काम का अभाव उन्हें अपने पैतृक स्थान से दूर रहने पर मजबूर करता है. इस बार भी वे वोट डालने और त्योहार मनाने दोनों के लिए अपने घर लौट रहे हैं, और यही कारण है कि नवंबर तक ट्रेनों में जगह मिलना मुश्किल हो गया है. ये दिखाता है कि राज्य में अभी भी रोजगार सृजन और आर्थिक विकास के मोर्चे पर बहुत कुछ करने की ज़रूरत है, ताकि लोगों को पलायन के लिए मजबूर न होना पड़े.

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