Bihar Assembly Election 2025 : 5 दिन, 10 जिले, तेजस्वी यादव क्यों निकल पड़े हैं बिहार की सड़कों पर?
News India Live, Digital Desk: Bihar Assembly Election 2025 : लोकसभा चुनाव में मिले अच्छे नतीजों के बाद अब बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने वाली है। विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब चैन से बैठने के मूड में नहीं हैं और उन्होंने 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से अपनी कमर कस ली है। इसी कड़ी में, वह एक बड़ी यात्रा पर निकलने जा रहे हैं।
तेजस्वी यादव 16 सितंबर से 'बिहार अधिकार यात्रा' की शुरुआत करने जा रहे हैं। जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, इस यात्रा का मुख्य मकसद है बिहार के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाना।
क्या है इस यात्रा का सबसे बड़ा मकसद?
इस यात्रा का सबसे बड़ा और सीधा मकसद है केंद्र सरकार पर "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा" देने के लिए दबाव बनाना। यह एक ऐसी मांग है जो सालों से बिहार की राजनीति के केंद्र में रही है। तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी का मानना है कि बिहार को गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं से बाहर निकालने के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक मदद मिलना बहुत ज़रूरी है, और यह तभी संभव है जब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले।
5 दिन, 10 जिलों का है पहला प्लान
इसके लिए तेजस्वी यादव ने एक पूरा खाका तैयार कर लिया है। यात्रा का पहला चरण 5 दिनों का होगा, जिसमें वह दक्षिण बिहार के 10 जिलों का दौरा करेंगे। इस यात्रा की शुरुआत वीर कुंवर सिंह की धरती बक्सर से होगी।
- पहले चरण में शामिल होने वाले जिले: बक्सर के बाद यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, कैमूर, अरवल, और जहानाबाद जैसे जिलों से होकर गुज़रेगी।
इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव सिर्फ़ रोड शो ही नहीं करेंगे, बल्कि जगह-जगह रुककर जनसभाएं भी करेंगे और सीधे आम लोगों से जुड़कर उनकी समस्याएं सुनेंगे।
निशाने पर 2025, जनता से जुड़ने की तैयारी
राजनीतिक जानकार इसे सीधे-सीधे 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देख रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। अब वे इस यात्रा के ज़रिए जनता के बीच जाकर यह संदेश देना चाहते हैं कि वही बिहार के हक़ की असली लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस यात्रा के ज़रिए वह बेरोजगारी, महंगाई और बिहार के पिछड़ेपन जैसे मुद्दों को ज़ोर-शोर से उठाने की कोशिश करेंगे, ताकि नीतीश कुमार और बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को घेरा जा सके।
साफ है, तेजस्वी यादव इस यात्रा के ज़रिए सिर्फ सड़कों पर ही नहीं उतर रहे, बल्कि 2025 के लिए अपनी सियासी ज़मीन को और भी मज़बूत करने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बिहार की सड़कों पर राजनीतिक गर्मी बढ़ना तय है।
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