Ola Electric के शीर्ष नेतृत्व में एक बार फिर बदलाव देखने को मिला है। कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) अंशुल खंडेलवाल और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) सुवोनिल चटर्जी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह इस्तीफे कंपनी में हाल ही में हुए बड़े स्तर के पुनर्गठन (रीऑर्गेनाइजेशन) के बाद सामने आए हैं।
सुवोनिल चटर्जी का योगदान और सफर
सुवोनिल चटर्जी ने 2017 में ओला इलेक्ट्रिक से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कंपनी में बतौर डिजाइन हेड जॉइन किया और ओला के कई प्रमुख प्रोडक्ट्स जैसे Ola Krutrim और Ola Maps को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 2021 में प्रमोशन: चटर्जी को चीफ टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट ऑफिसर के तौर पर प्रमोट किया गया था।
- तकनीकी नेतृत्व: चटर्जी का काम ओला के तकनीकी और प्रोडक्ट डिवेलपमेंट में कंपनी के विजन को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ।
अंशुल खंडेलवाल का सफर
अंशुल खंडेलवाल ने 2019 में ओला को जॉइन किया था। इससे पहले वह फूडपांडा में मार्केटिंग और रेवेन्यू हेड के पद पर कार्यरत थे।
- फूडपांडा का अधिग्रहण: जब ओला ने 2020 में फूडपांडा को खरीदा, तब खंडेलवाल को ओला फूड्स का मार्केटिंग हेड बनाया गया।
- मुख्य भूमिका: खंडेलवाल ने बाद में ओला इलेक्ट्रिक में सीएमओ का पद संभाला और कंपनी के मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को नई ऊंचाइयों पर ले गए।
ओला इलेक्ट्रिक से जुड़ी इस्तीफे की कड़ी
Ola Electric में नेतृत्व का यह परिवर्तन कोई नई बात नहीं है।
- 2019: कंपनी के सह-संस्थापक और पूर्व CTO अंकित भाटी ने ओला का साथ छोड़ दिया।
- 2024 की शुरुआत: कंपनी सेक्रेटरी और कंप्लायंस ऑफिसर प्रमेंद्र तोमर ने इस्तीफा दिया।
- दिसंबर 2024: ओला समूह के चीफ पीपुल ऑफिसर एन बालचंदर भी कंपनी छोड़कर चले गए।
रीऑर्गेनाइजेशन का प्रभाव
नवंबर 2024 में ओला इलेक्ट्रिक में बड़े स्तर पर पुनर्गठन किया गया था।
- 500 कर्मचारियों पर असर: इस रीऑर्गेनाइजेशन के चलते लगभग 500 कर्मचारी प्रभावित हुए थे।
- सितंबर 2022 में भी बदलाव: ओला ने पहले भी अपने ऑपरेशंस को सेंट्रलाइज और यूनिफाई करने के लिए पुनर्गठन किया था, जिसमें नई नियुक्तियों की घोषणा की गई थी।
Ola Electric की वित्तीय स्थिति
Q2 2024: घाटे में गिरावट
- घाटे में कमी: जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का शुद्ध घाटा कम होकर 495 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 524 करोड़ रुपये था।
- राजस्व में वृद्धि:
- तिमाही के दौरान कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 1,214 करोड़ रुपये था।
- यह एक साल पहले के 873 करोड़ रुपये के मुकाबले 39% अधिक है।
क्या कहता है यह बदलाव?
Ola Electric में इस्तीफों और पुनर्गठन की घटनाएं कंपनी के विस्तार और चुनौतियों को दर्शाती हैं।
- लॉन्ग-टर्म विजन: हालांकि कंपनी ने अपने घाटे में कमी की है और राजस्व बढ़ाया है, लेकिन नेतृत्व में बदलाव इसका लॉन्ग-टर्म प्रभाव डाल सकता है।
- नई रणनीति की आवश्यकता: नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक बदलाव के साथ, कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स और ऑपरेशंस को मजबूत करने की जरूरत है।