उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. जांच से पता चला कि हिंसा सुनियोजित थी और इसके पीछे तुर्क और पठान समुदाय के बीच वर्चस्व की खूनी लड़ाई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, ये सभी पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक थे। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, हिंसा की मुख्य वजह तुर्क बनाम पठान और मूलनिवासी बनाम विदेशी का मुद्दा था. इस कारण दोनों समुदायों के समर्थकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया.
हिंसा तब भड़की जब तुर्क समुदाय के एक सांसद के समर्थकों ने पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थकों पर गोलियां चला दीं। इस गोलीबारी में पठान, सैफी और अंसारी समुदाय के लोग मारे गए. एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में यह खूनी खेल खेला गया। अब तक की जांच से पता चला है कि पुलिस की गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ और मारे गए सभी नागरिक विधायक के समर्थक थे।