भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत मिला है, क्योंकि फरवरी 2025 में जीएसटी (GST) कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 9.1% अधिक है। इससे साफ जाहिर होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष (FY 2024-25) की चौथी तिमाही में भी सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
फरवरी 2024 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये था।
नेट जीएसटी कलेक्शन (रिफंड के बाद) 1.50 लाख करोड़ रुपये था।
लगातार 12वें महीने 1.70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जीएसटी कलेक्शन
फरवरी 2025 में डिस्काउंटिंग और रिफंड के बावजूद जीएसटी कलेक्शन में 8.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.70 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है, जो आर्थिक स्थिरता और मजबूत उपभोक्ता मांग को दर्शाता है।
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जीएसटी कलेक्शन का ब्रेकअप: कौन-सा टैक्स कितना जमा हुआ?
फरवरी 2025 के जीएसटी कलेक्शन की प्रमुख श्रेणियां:
श्रेणी | कलेक्शन (रुपये में) |
---|---|
सेंट्रल जीएसटी (CGST) | ₹35,204 करोड़ |
स्टेट जीएसटी (SGST) | ₹43,704 करोड़ |
इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) | ₹90,870 करोड़ |
कंपसेशन सेस (Cess) | ₹13,868 करोड़ |
डोमेस्टिक रेवन्यू (घरेलू राजस्व) में 10.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इंपोर्ट रेवन्यू (आयात से प्राप्त राजस्व) भी 5.4% बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये पहुंच गया।
फरवरी में जारी किए गए रिफंड का आंकड़ा
फरवरी 2025 में कुल 20,889 करोड़ रुपये के टैक्स रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की तुलना में 17.3% अधिक है।
बढ़े हुए रिफंड से यह स्पष्ट होता है कि सरकार टैक्स रिफंड प्रक्रिया को तेज करने पर ध्यान दे रही है, जिससे बिजनेस ऑपरेशंस को राहत मिल रही है।
जनवरी और दिसंबर 2024 के जीएसटी कलेक्शन से तुलना
महीना | GST कलेक्शन (₹ में) | वृद्धि दर (%) |
---|---|---|
जनवरी 2025 | 1.96 लाख करोड़ | 12.3% |
दिसंबर 2024 | 1.77 लाख करोड़ | 7.3% |
फरवरी 2025 | 1.84 लाख करोड़ | 9.1% |
जनवरी 2025 में जीएसटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर था।
दिसंबर 2024 में जीएसटी कलेक्शन 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो सालाना आधार पर 7.3% अधिक था।
GST कलेक्शन बढ़ने का क्या मतलब है?
आर्थिक स्थिरता: लगातार उच्च जीएसटी कलेक्शन मजबूत आर्थिक गतिविधि और व्यापारिक लेन-देन को दर्शाता है।
बेहतर टैक्स अनुपालन: सरकार द्वारा ई-इनवॉइसिंग और GST ऑडिट प्रक्रिया को सख्त करने से टैक्स अनुपालन में सुधार हुआ है।
मजबूत उपभोक्ता मांग: उच्च कलेक्शन से यह भी पता चलता है कि खपत और बिक्री में वृद्धि हो रही है।