PPF नियम में बदलाव: छोटी बचत योजना के तहत आने वाली कुछ योजनाओं के खातों के नियम 1 अक्टूबर से बदलने जा रहे हैं। यह बदलाव पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि और अन्य योजनाओं के तहत होगा। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने डाकघरों के जरिए छोटी बचत योजना के तहत खोले गए खातों को लेकर गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन में खाते को विनियमित करने के लिए पूरी जानकारी दी गई है। साथ ही खातों के लिए ब्याज और मैच्योरिटी को भी स्पष्ट किया गया है।
इस गाइडलाइन में नाबालिग के नाम पर खोले गए पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) को लेकर भी जानकारी दी गई है। नाबालिग PPF अकाउंट को लेकर कहा गया है कि इन अनियमित खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट (POSA) की तरह ब्याज मिलेगा, लेकिन जब नाबालिग की उम्र 18 साल हो जाएगी, तो यह खाता नियमितीकरण के योग्य हो जाएगा, यानी तब PPF पर लागू ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा।
इसके अलावा, ऐसे खातों की परिपक्वता अवधि की गणना नाबालिग के वयस्क होने की तारीख से की जाएगी। इसका मतलब यह है कि जिस अवधि के लिए खाता सक्रिय रहा है, उसे उस तारीख से माना जाएगा, जिस दिन व्यक्ति नियमित खाता खोलने के लिए पात्र हो जाता है।
अनियमित खाते का क्या अर्थ है?
बिजनेस टुडे के अनुसार, डेलॉइट इंडिया की पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंगन का कहना है कि नाबालिगों के लिए भी पीपीएफ खाते खोले जा सकते हैं। हालांकि, केवल भारतीय निवासी ही पीपीएफ खाते खोलने के पात्र हैं। इसके अलावा, नाबालिगों के लिए पीपीएफ खाते केवल माता-पिता या कानूनी अभिभावकों में से किसी एक द्वारा ही खोले और प्रबंधित किए जा सकते हैं।
नियमों में यह परिवर्तन क्यों किया गया है?
लघु बचत योजनाओं और पीपीएफ के संबंध में यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये योजनाएं और खाते विनियमित हैं और ऐसे खाते खुलने से रोका जा सके जो दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं हैं। निवेशकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे योजना के दिशा-निर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। दिशा-निर्देशों का उद्देश्य स्पष्टता प्रदान करना और अनियमित रूप से खोले गए लघु बचत खातों के नियमितीकरण के लिए उचित और सही व्यवस्था लागू करना है।
एक से अधिक पीपीएफ खाते होने पर क्या नियम होगा?
अगर किसी के पास एक से ज़्यादा पीपीएफ अकाउंट हैं, तो प्राइमरी अकाउंट पर स्कीम के मुताबिक ब्याज मिलेगा, बशर्ते जमा राशि हर साल लागू अधिकतम सीमा के अंदर हो। दूसरे अकाउंट में बची हुई राशि को पहले अकाउंट में मर्ज कर दिया जाएगा, बशर्ते प्राइमरी अकाउंट हर साल अनुमानित निवेश सीमा के अंदर रहे। मर्जर के बाद प्राइमरी अकाउंट पर मौजूदा स्कीम दर या ब्याज मिलता रहेगा। वहीं, अगर तीसरा अकाउंट है, तो अकाउंट खोलने की तारीख से जीरो परसेंट ब्याज दर मिलेगी।