छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्वी नगर पंचायत अध्यक्ष समेत कई बीजेपी में शामिल

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लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के महेंद्रगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. यहां पूर्वी नगर पंचायत अध्यक्ष ओमप्रकाश विश्वकर्मा बीजेपी में शामिल हो गये हैं. वहीं वार्ड के पूर्व पार्षद विनोद जांगड़े और डॉ. पालीवाल ने भाजपा की रीति-नीति से प्रभावित होकर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल और कोरबा प्रत्याशी सरोज पांडे की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. ओमप्रकाश विश्वकर्मा जगराखांड नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हैं।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गईं

लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उनके खिलाफ महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस ने भूपेश बघेल के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.

महादेव सट्टेबाजी ऐप का मामला चर्चा में आया

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया जब ईडी ने ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड करने का दावा किया, जिससे पता चला कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कथित तौर पर यूएई स्थित ऐप प्रमोटरों से पैसे मिले थे। लेकिन रु. 508 करोड़ रुपये लिये गये. . वहीं, महादेव बुक के मालिक अब हिरासत में हैं, उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है।

सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा

सीएम भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘यह शख्स दावा कर रहा है कि वह ‘महादेव ऐप’ का मालिक है. हैरानी की बात यह है कि महीनों तक मामले की जांच करने वाली एजेंसी ईडी अब तक इससे अंजान थी और दो दिन पहले तक ईडी उनसे मैनेजर जैसा व्यवहार कर रही थी. छत्तीसगढ़ की जनता सब समझ रही है. वह चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दल ईडी को करारा जवाब देगी.

महादेव सट्टेबाजी ऐप क्या है?

महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया एक ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम जैसे लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों पर भी अवैध सट्टेबाजी की जाती थी। अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के जरिए ऐप का नेटवर्क तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए। इस ऐप ने धोखाधड़ी का सटीक खाका तैयार किया।

सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक मशीन की तरह काम करता है

दरअसल महादेव सट्टेबाजी ऐप कई शाखाओं से चलाया जाता था. सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल प्रत्येक शाखा को फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। उपयोगकर्ता को शुरू में लाभ और फिर हानि होती है। दोनों ने मुनाफे का 80% हिस्सा अपने पास रखा। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक मशीन की तरह काम करता है जिसमें एक एल्गोरिदम यह निर्धारित करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतते हैं।