भोपाल: डीजीपी ने किया मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी में 43वां उप पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण का शुभारंभ

भोपाल, 8 मई (हि.स.)। मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भौंरी में बुधवार को 43वें उप पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण बैच का शुभारंभ हुआ। डीजीपी सुधीर सक्सेना के मुख्य आतिथ्य में यह प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। इस अवसर पर डीजीपी सक्सेना ने 23 प्रशिक्षु डीएसपी को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी भाग्यशाली हैं कि आपको पुलिस सेवा, विशेषकर मध्यप्रदेश पुलिस सेवा का अवसर प्राप्त हो रहा है। पुलिस सेवा में आने के बाद वंचितों, पीड़ितों, असहायों की सहायता कर अच्छे पुलिस अधिकारी के साथ अच्छे नागरिक भी बनें। अकादमिक तथा फील्ड प्रशिक्षण पूरी तन्मयता से प्राप्त करें। गंभीरता, व्यावसायिक दक्षता, कठोर परिश्रम, ईमानदारी, संतुलित आचरण तथा सद्व्यवहार से ही आप आदर्श पुलिस अधिकारी हो सकेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) संजय कुमार झा, पीएसओ टू डीजीपी डॉ. विनीत कपूर, मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के उप निदेशक/पुलिस अधीक्षक मलय जैन, सभी प्रशिक्षक, पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

डीजीपी सक्सेना ने मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास से भी प्रशिक्षु अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश ही नहीं देश भर में गंभीर चुनौतियों का समाधान किया है और हर मोर्चे पर उत्कृष्ट कार्य का प्रदर्शन किया है। मध्यप्रदेश में डकैत समस्या का उन्मूलन, आसामाजिक तथा राष्ट्रविरोधी संगठनों के विरूद्ध लगातार प्रभावी कार्यवाही, नक्सली समस्या के समाधान तथा महिला सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जन अपेक्षाएं भी बड़ी हैं, अत: व्यावसायिक उत्कृष्टता, पारदर्शिता एवं व्यवहार कुशलता से ही आप इन अपेक्षाओं पर खरे उतर सकते हैं। कानूनी प्रावधानों की अद्यतन जानकारी रखें। विवेचना विधि अनुसार करें। अपने साथी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन से सतत् और अच्छा संवाद एवं अच्छा व्यवहार आपको सफल पुलिस अधिकारी बनने में सहायक होगा।

अनुशासित रहें, कर्तव्यनिष्ठ बनें: संजय झा

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विशेष पुलिस महानिदेशक संजय कुमार झा ने कहा कि खाकी वर्दी पहनने के बाद जिंदगी के मायने बदल जाते हैं। त्योहार पुलिस अधिकारी के लिए चुनौती की तरह होते हैं। नागरिक त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से मना पाएं, इसकी जिम्मेदारी पुलिस पर होती है। उन्होंने कहा कि पुरानी पुलिसिंग और नई पुलिसिंग में काफी बदलाव हुए हैं। नए कानून भी पुलिस अधिकारी के लिए चुनौती के समान है। कानून का ज्ञान पुलिस अधिकारी के लिए आवश्यक है। अपराधियों के अपराध करने के तरीकों में भी पहले की अपेक्षा काफी बदलाव हुए हैं। अब नए-नए तरीकों से अपराधी अपराध कर रहे है, इनसे निपटने के लिए हमें भी दक्ष होना पड़ेगा।

यह अधिकारी प्राप्त कर रहे प्रशिक्षण

मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भौंरी में बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 23 उप पुलिस अधिक्षकों का बैच पहुंचा है। इनमें 9 महिला अधिकारी भी शामिल हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी के उप निदेशक/पुलिस अधीक्षक मलय जैन ने बताया कि प्रशिक्षण की अवधि दो वर्ष की होगी।

अकादमी में अप्रैल 2025 तक यह सभी अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस वर्ष सिलेबस में विशेष रूप से नए कानूनों और चाइल्ड राइट्स को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण लेने वाले अधिकारियों में ललित बैरागी, हर्ष राठौर, आनंद कुमार राय, अवनधती प्रधान, दिव्या झारिया, आशुतोष त्यागी, हेमंत कुमार, लोकेश छापरे, प्रेक्षा पाठक, अनीषा जैन, दीपक सिंह मरावी, अक्षय डिगरसे, गगन हनवत, रोशनी कुर्मी, शैफा हाशमी, हेमंत पांडेय, ऋषभ छारी, सुजीत कुमार कड़वे, शिवा पाठक, प्रतिमा जैन, आशीष कुमार कुशवाह (जिला सेनानी, होमगार्ड), अन्नपूर्णा सिरसाम, हर्ष शर्मा उपुअ (एमटी) शामिल हैं।