Bhanwari Devi case : बच्चों की पेंशन रोकने पर जोधपुर हाई कोर्ट सख्त, अधिकारियों से मांगा जवाब
News India Live, Digital Desk: राजस्थान के चर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले में इतने साल बाद भी परिवार का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। जोधपुर हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद, मृतका भंवरी देवी के बच्चों को अब तक उनकी पेंशन और दूसरे सरकारी लाभ नहीं मिले हैं। इस मामले में अब हाई कोर्ट ने एक बार फिर सख्ती दिखाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह पूरा मामला भंवरी देवी की सरकारी सेवा से जुड़ी पेंशन और अन्य वित्तीय लाभों को लेकर है। भंवरी देवी सरकारी अस्पताल में ANM थीं और उनकी हत्या के बाद उनके बच्चों को पेंशन मिलनी थी। कुछ समय पहले अदालत ने आदेश दिया था कि भंवरी देवी के कानूनी वारिसों, यानी उनके बच्चों को पेंशन और बाकी सभी बकाया राशि ब्याज सहित दी जाए।
लेकिन इस आदेश को करीब 21 महीने बीत जाने के बाद भी चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने इसे लागू नहीं किया। इस पर भंवरी देवी के बेटे और बेटियों ने दोबारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की।
याचिका में बताया गया कि जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) का कार्यालय भंवरी देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र न होने का बहाना बनाकर मामले को टाल रहा है। यह बेहद हैरानी की बात है, क्योंकि विभाग खुद भंवरी देवी को मृत मानकर उनके बेटे को अनुकंपा पर नौकरी दे चुका है और उन्हें सेवा से भी बर्खास्त कर चुका है। इसके बावजूद पेंशन देने में आनाकानी की जा रही है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रेखा बोराणा की अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है। अदालत ने चिकित्सा सचिव, जोधपुर सीएमएचओ और पेंशन विभाग समेत दूसरे अधिकारियों को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। अब इन सभी अधिकारियों को अदालत में अपना जवाब देना होगा। इस घटना ने एक बार फिर से उस परिवार के दर्द को सामने ला दिया है, जो पहले ही एक बड़ी त्रासदी झेल चुका है और अब अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है।
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