बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उनकी मां अंजू मोदी ने अपने चार वर्षीय पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अतुल ने 9 दिसंबर को अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर न्याय की मांग तेज हो गई। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर 7 जनवरी को सुनवाई करेगा।
पोते की कस्टडी के लिए दायर की गई याचिका
अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में हेबस कॉर्पस याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका में दावा किया है कि उनकी बहू निकिता सिंघानिया और उसके परिवार ने पोते की मौजूदगी को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। अंजू मोदी का आरोप है कि सिंघानिया परिवार जानबूझकर पोते की जानकारी छिपा रहा है।
अंजू मोदी के पति पवन कुमार मोदी ने भी पोते की कस्टडी की कई बार मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि उनके पोते की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
निकिता ने बच्चे की जानकारी दी
पुलिस पूछताछ के दौरान निकिता सिंघानिया ने खुलासा किया कि बच्चा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है और उसकी देखभाल निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया कर रहे हैं। इस दावे की पुष्टि के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, हरियाणा और कर्नाटक की सरकारों को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
अतुल सुभाष आत्महत्या मामला: क्या है पूरा घटनाक्रम?
34 वर्षीय अतुल सुभाष, जो बेंगलुरु में एक निजी फर्म में डिप्टी जनरल मैनेजर थे, ने 9 दिसंबर को अपने अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता, उसके परिवार और अन्य पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे।
- उन्होंने नोट में आरोप लगाया कि एक जज ने मामले के समाधान के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी।
- इस नोट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया और विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर न्याय की मांग उठी।
गिरफ्तारियां और अग्रिम जमानत
अतुल की आत्महत्या के बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कई गिरफ्तारियां की हैं:
- निकिता सिंघानिया: हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार।
- निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया: यूपी के प्रयागराज में एक होटल के पास से गिरफ्तार।
- पुलिस ने आरोपियों को बेंगलुरु लाकर कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुशील सिंघानिया (निकिता के चाचा) को अग्रिम जमानत दी है।
पिता की अपील और न्याय की मांग
मृतक के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा कि उनका परिवार पोते की कस्टडी के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर उनके पोते की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित की जाए।