Kharagpur-Visakhapatnam Expressway : भारत के पूर्वी हिस्से में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने खड़गपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे परियोजना की शुरुआत की है। यह 783 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे न केवल पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के शहरों को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि यातायात और व्यापार में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। आइए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के फायदों और प्रभावों के बारे में।
खड़गपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे: एक परिचय
यह एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल के खड़गपुर से आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम तक जाएगा। इसकी मदद से खड़गपुर से विशाखापत्तनम तक की यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर केवल 8 घंटे रह जाएगा।
- यह एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा।
- प्रमुख मार्ग:
- पश्चिम बंगाल: खड़गपुर
- ओडिशा: चंदीखोल, कटक, खोरदा, तांगी, और ब्रह्मपुर
- आंध्र प्रदेश: विशाखापत्तनम
यातायात और व्यापार में सुधार
खड़गपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे के बनने से यातायात और माल ढुलाई में अभूतपूर्व सुधार होगा।
- यात्रा समय में कमी:
- यात्रा समय में कमी से यात्री परिवहन तेज होगा।
- लोग लंबी दूरी की यात्राएं कम समय में पूरी कर पाएंगे।
- माल ढुलाई में सहूलियत:
- उद्योगों और व्यापारियों के लिए माल ढुलाई तेज और सस्ती होगी।
- बंदरगाहों और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
- पर्यटन को बढ़ावा:
- ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समुद्री तटों और पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
आर्थिक प्रभाव: क्षेत्रीय विकास को मिलेगा बल
यह एक्सप्रेसवे न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, बल्कि इसका सीधा असर तीनों राज्यों की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
- नए आर्थिक अवसर:
- एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- कम विकसित क्षेत्रों को आर्थिक अवसर मिलने से क्षेत्रीय असमानता कम होगी।
- रोजगार के नए अवसर:
- एक्सप्रेसवे के निर्माण और संचालन के दौरान लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
- नए व्यवसाय और लॉजिस्टिक्स केंद्र खुलेंगे।
- व्यापारिक वृद्धि:
- तेज और सुरक्षित माल परिवहन से व्यापार की लागत कम होगी।
- बंदरगाहों और औद्योगिक हब के बीच तेज कनेक्टिविटी से निर्यात और आयात को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना की प्रगति और समयरेखा
- तकनीकी बोलियां: नवंबर 2024 में तकनीकी बोलियां आमंत्रित की गईं, जिसमें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- अनुबंध और निर्माण:
- अनुबंध 2025 के मध्य तक दिए जाने की उम्मीद है।
- DPR 2026 के अंत तक पूरी हो सकती है।
- निर्माण कार्य 2028 में शुरू होने का अनुमान है।
- परियोजना का महत्व: यह एक्सप्रेसवे न केवल एक तेज़ मार्ग होगा, बल्कि इसे भारत के पूर्वी हिस्से में विकास के इंजन के रूप में देखा जा रहा है।
तीन राज्यों की तकदीर बदलेगा यह एक्सप्रेसवे
खड़गपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाएगा।
- पश्चिम बंगाल:
- खड़गपुर के औद्योगिक क्षेत्रों को विशाखापत्तनम के बंदरगाह से तेज कनेक्टिविटी मिलेगी।
- ओडिशा:
- चंदीखोल, कटक, और ब्रह्मपुर जैसे व्यापारिक हब को अधिक अवसर मिलेंगे।
- आंध्र प्रदेश:
- विशाखापत्तनम जैसे प्रमुख बंदरगाह शहर को फायदा होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
एक्सप्रेसवे के प्रमुख लाभ
- यातायात सुविधा:
- तेज और सुरक्षित यात्रा।
- पर्यावरण अनुकूलता:
- यह एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट है, जो टिकाऊ विकास पर जोर देता है।
- क्षेत्रीय समृद्धि:
- तीन राज्यों में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।