बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में 3-1 से मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 11 जनवरी को एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा, हेड कोच गौतम गंभीर और चीफ सिलेक्टर अजीत आगरकर से कई अहम सवाल पूछे गए। बैठक के दौरान यह सुझाव भी सामने आया कि खिलाड़ियों की कमाई को उनके प्रदर्शन के आधार पर तय किया जाना चाहिए।
परफॉर्मेंस बेस्ड वेतन प्रणाली का प्रस्ताव
पिछले साल बीसीसीआई ने टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम शुरू की थी। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में चर्चा हुई कि खिलाड़ियों को ज्यादा “जवाबदेह” बनाने के लिए परफॉर्मेंस बेस्ड वेतन प्रणाली को और सख्ती से लागू किया जाए। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करें, अन्यथा उनकी कमाई पर असर पड़े।
टेस्ट क्रिकेट के लिए मौजूदा प्रोत्साहन योजना
बीसीसीआई ने 2022-23 में टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए एक इंसेंटिव स्कीम लागू की थी। इसके तहत:
- जो खिलाड़ी एक सत्र में 50% से अधिक टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे, उन्हें प्रति मैच 30 लाख रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा।
- 75% या उससे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए यह राशि बढ़कर 45 लाख रुपये प्रति मैच हो जाती है।
- जो खिलाड़ी 50% से कम मैच खेलते हैं, उन्हें कोई अतिरिक्त राशि नहीं मिलेगी।
यह योजना बीसीसीआई के घोषित 40 करोड़ रुपये के कोष का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लाल गेंद वाले क्रिकेट की ओर खिलाड़ियों को आकर्षित करना है।
बैठक में उठे अहम मुद्दे
बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें यह सामने आया कि कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं और सफेद गेंद के प्रारूपों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। टीम प्रबंधन को लगता है कि खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट और भारतीय टेस्ट कैप के महत्व को समझाने की जरूरत है।
टेस्ट क्रिकेट में हालिया प्रदर्शन
भारतीय टीम का पिछले कुछ महीनों में टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 साल में पहली बार टेस्ट सीरीज हारने के बाद आलोचना तेज हुई।
- घरेलू मैदान पर 12 साल से चले आ रहे 18 सीरीज के अपराजित रिकॉर्ड को भी न्यूजीलैंड ने तोड़ दिया।
कॉर्पोरेट मॉडल से प्रेरित सख्ती
बैठक में चर्चा हुई कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर के मॉडल को अपनाया जा सकता है। इसके तहत खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के वेतन में कटौती का सुझाव दिया गया। सूत्रों के अनुसार, यह योजना इस उद्देश्य से बनाई गई है कि खिलाड़ी हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ दें और खेल के प्रति गंभीरता दिखाएं।
टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने की चुनौती
टी20 और आईपीएल जैसे प्रारूपों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच टेस्ट क्रिकेट का महत्व घटता जा रहा है। बीसीसीआई का उद्देश्य न केवल खिलाड़ियों को लाल गेंद वाले क्रिकेट की ओर आकर्षित करना है, बल्कि उन्हें यह समझाना भी है कि टेस्ट क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की पहचान का एक अहम हिस्सा है।