आग से तबाही एवं होने वाले नुकसान से बचाव करना अग्नि सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेदारी: बसंता मिश्रा

अनूपपुर, 16 अप्रैल (हि.स.)। हिंदुस्तान पावर परिसर जैतहरी में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 66वें राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाया गया। मंगलवार को हुए इस आयोजन में विभागीय कर्मियों के द्वारा रोमांचक ड्रिल का प्रर्दशन किया गया। कार्यक्रम में प्लांट प्रमुख बसंता मिश्रा ने अग्निशामकों के दल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि आग से होने वाली तबाही एवं उससे होने वाले नुकसान से बचाव रखना न केवल अग्नि सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेवारी है, बल्कि ऐसी भयावह स्थिति उत्पन्न ही न हो इसके लिए प्रत्येक नागरिक को सर्तक रहने की जरूरत है तथा सभी को अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।

सुरक्षा विभाग के प्रमुख डॉ0 भोला प्रसाद कुशवाहा ने 14 अप्रैल 1944 को हुए बाम्बे हादसे के इतिहास को दोहराया तथा कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए 66 अग्निशामकों के बलिदान को बताया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिकारियों ने पुष्प अर्पित कर श़हीदों को श्रद्धांजलि दी और अग्नि सुरक्षा नियमों का सतर्कता से पालन करने हेतु प्रतिज्ञा ली। अधिकारियों ने अग्नि सुरक्षा यंत्रों का निरीक्षण किया और विभाग के कार्यों की सराहना की।

मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के प्रमुख आर.के.खटाना ने कहा कि अग्नि सुरक्षा यंत्रों का समय-समय पर परीक्षण करते रहना बेहद आवश्यक है जिससे न केवल सुरक्षा यंत्रों की समयावधि और गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि आपात स्थिति में यंत्रों के उपयोग के समय असुविधा से बचा जा सकेगा, साथ ही यह भी बताया कि हमारी यह टीम न केवल प्लांट परिसर में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है बल्कि कंपनी से लगे हुए क्षेत्र में भी आकस्मिक घटनाओं से निपटने में अपना अमूल्य योगदान देती रही है। वर्ष के दौरान ऐसी कई घटनाऐं सामने आई हैं जहां हमारे जाबाजों ने आग पर काबू पाकर बड़ी घटनाओं को होने से बचाया है।

मेंटेनेंस विभाग के प्रमुख टी0एम0 पाई ने बताया कि हमें प्रसन्नता है कि सुरक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर यंत्रों की जॉच एवं मॉकड्रिल के माध्यम से उनका परीक्षण किया जाता है। साथ ही बताया कि विभाग सदैव ही प्लांट परिसर में कार्यरत कर्मियों को अग्नि सुरक्षा नियमों के प्रशिक्षण की आवृत्ति को बढ़ाने पर जोर देता रहा है। कार्यक्रम में अग्निशामकों को वर्ष के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रबंधन के द्वारा उन्हें पुरस्कृत कर उनका हौसला बढ़ाया गया।