Basant Panchami: बसंत पंचमी 2025: महत्व, तिथि और विशेषताएँ

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बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, सरस्वती पूजा चार शुभ योगों के बीच 3 फरवरी 2025 को होगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का प्रकट होना माना जाता है। इसलिए, बसंत पंचमी का पर्व विशेष महत्व रखता है।

बसंत पंचमी की तिथि:
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ शुक्ल पंचमी तिथि का शुभारंभ 2 फरवरी 2025 को दोपहर 12:04 बजे होगा, और यह तिथि 3 फरवरी को सुबह 9:49 बजे समाप्त होगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, शिव योग, उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है। बसंत ऋतु, जो शीत ऋतु के बाद आती है, सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है, और इस समय धरती सरसों के पीले फूलों से सज जाती है। लोग इस दिन पीले कपड़े पहनते हैं और देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।

बसंत पंचमी का महत्व:
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती के पूजन के साथ-साथ माता रति और कामदेव का भी पूजन किया जाता है। मान्यता है कि यह दिन मां सरस्वती के जन्मदिन और रति-कामदेव के पृथ्वी पर आगमन के रूप में मनाया जाता है। दंपतियों के लिए यह दिन खास होता है, क्योंकि वे रति और कामदेव का पूजन करते हैं ताकि उनके वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार का कष्ट न आए। जो लोग बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं, उन पर देवी की विशेष कृपा होती है।

इस वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर देवी सरस्वती की आराधना करें और ज्ञान, विद्या, और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करें।