बड़वानी, 20 मई (हि.स.)। जिले में कपास के विशेष किस्म के बीज की मांग होने से कृषि विभाग का अमला एवं राजस्व विभाग का अमला बीज विक्रय केन्द्रों पर जाकर विशेष नजर बनाये रखेंगे। कपास बीज वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता या कालाबाजारी अगर पायी जाए तो संबंधित विक्रेता के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करते हुए दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। राजस्व अधिकारी निरीक्षण के दौरान यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि बीज का विक्रय निर्धारित मूल्य पर ही हो तथा बीज विक्रय न्यायपूर्ण हो।
यह निर्देश कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित समय सीमा बैठक में दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि जिले में किसानों को कपास बीज वितरण के लिए सभी एसडीएम, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी एवं राजस्व विभाग के अमले की ड्यूटी लगाई है। जिन लोगों की ड्यूटी लगाई है, वे कपास बीज विक्रय के कार्य पर नजर बनाये रखेंगे।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि कृषि एवं राजस्व विभाग का अमला किसानों को समझाईश दे कि कपास बीज कंपनियों के बीज उत्पादक किसान दक्षिण भारत में हैं, जहां पर पिछले वर्ष अधिक वर्षा होने से कपास फसल खराब होने के कारण कंपनियों के पास किस्म विशेष के बीज पर्याप्त मात्रा में नहीं होने से समस्त कृषकों को कपास बीज रासी-659 एवं आशा-1 किस्मों उपलब्ध करवाया जाना संभव नहीं होगा। कपास बीज की रासी-659 एवं आशा-1 किस्मों को छोड़कर अन्य कंपनियों के अधिक पैदावार देने वाली कपास की किस्में जिले में, विकासखण्ड स्तर, ग्रामीण क्षेत्रों के बीज विक्रेताओं के पास पर्याप्त मात्रा में कपास बीज उपलब्ध हैं। किसानों से अपील की जाती है कि अपने-अपने खेतों में रासी-659 एवं आशा-1 के अतिरिक्त अन्य कंपनियों के बीज की बुआई कर, उन किस्मों द्वारा भी कपास का उत्पादन अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।
समय सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर ने जिले में पेयजल की स्थिति की समीक्षा करते हुए जल संसाधन विभाग एवं आरईएस विभाग को निर्देशित किया कि वे जिले के तालाबों को प्री-मानसून निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ काजल जावला, अपर कलेक्टर केके मालवीय, एसडीएम अभिषेक सराफ, संयुक्त कलेक्टर सोहन कनाश एवं विशाखा देशमुख, एसडीएम रमेश सिसोदिया सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।